अरत्नि:
अरत्नि: (पुल्लिंग, स्त्रीलिंग) [ऋ+अनि= रत्निः, स नास्ति यत्र]
- 1. कुहनी, कई बार मुक्का
- 2. एक हाथ की माप, कुहनी से कानी उंगली के छोर तक की माप, लंबाई नापने का पैमाना, मध्यां-गुलिकूर्परयोर्मध्ये प्रामाणिकः करः, बद्धमुष्टिकरो रत्निररत्निः सकनिष्ठिकः । हला., कि. 18/6[1]
- REDIRECTसाँचा:इन्हें भी देखें
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
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