अर्थात्
अर्थात् (अव्य.) ['अर्थ' का अपा. का रूप]
- 1. सच बात तो यह है कि, निस्सन्देह, वस्तुतः-मूषिकेण दण्डो भक्षित इत्यनेन तत्सहचरितमपूपभक्षण-मर्यादायातं भवति-सा. द. 10
- 2. परिस्थिति के अनुसार, तथ्यानुसार
- 3. कहने का भाव यह है कि, नामों के अनुसार[1]
- REDIRECTसाँचा:इन्हें भी देखें
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
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