अवधीरणा
अवधीरणा (स्त्रीलिंग) [अव+धीर्+ल्युट्+टाप्]
- अनादर तिरस्कार,-कृतवत्यसि नावधीरणामपरोद्धेऽपि यदा चिरंमयि[1], अयं स ते तिष्ठति सङ्गमोत्सुको विशङ्कसे भीरु यतोऽवधीरणाम्[2][3]
- REDIRECTसाँचा:इन्हें भी देखें
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
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