आकाशमुखी

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search

आकाशमुखी एक प्रकार के शैव साधु होते हैं, जो अपनी गरदन को पीछे की ओर झुकाकर आकाश में निगाहें केन्द्रित रखते हैं।[1]

  • ये शैव साधु अपनी दृष्टि आकाश की ओर तब तक केन्द्रित रखते हैं, जब तक कि मांसपेशियाँ सूख न जाएँ।
  • आकाश की ओर मुख करके साधना करने के कारण ही ये साधु 'आकाशमुखी' कहलाते हैं।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. हिन्दू धर्मकोश |लेखक: डॉ. राजबली पाण्डेय |प्रकाशक: उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान |पृष्ठ संख्या: 72 |

संबंधित लेख

वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                              अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र   अः