कोशिका विभाजन
कोशिका विभाजन से तात्पर्य है कि "जिस क्रिया द्वारा एक कोशिका विभाजित होकर दो या दो से अधिक कोशिकाएँ उत्पन्न करती हैं, उसे कोशिका विभाजन[1] कहते हैं। कोशिका विभाजन की प्रक्रिया कई प्रकार की होती है। प्रोकैरिओटिक कोशिकाओं का विभाजन यूकैरिओटिक कोशिकाओं से भिन्न होता है।
- कोशिका विभाजन वस्तुतः कोशिका चक्र[2] का एक चरण है। विभाजित होने वाली कोशिका मातृ कोशिका एवं विभाजन के फलस्वरूप बनने वाली कोशिकाएँ पुत्री कोशिका कहलाती हैं।
- इस विभाजन द्वारा ही जीवों के शरीर की वृद्धि और विकास होता है। इस क्रिया के फलस्वरूप ही घाव भरते हैं।
- प्रजनन एवं क्रम विकास के लिए भी कोशिका विभाजन की क्रिया आवश्यक है।
- लैंगिक प्रजनन करने वाला प्रत्येक प्राणी अपना जीवन कोशिका अवस्था से ही आरंभ करता है।
- कोशिका अंडा होती है और इसके निरंतर विभाजन से बहुत-सी कोशिकाएँ उत्पन्न हो जाती हैं।
- विभाजन की यह क्रिया उस समय तक होती रहती है, जब तक प्राणी भली-भाँति विकसित नहीं हो जाता।
- इस प्रक्रिया में कोशिका का जिनोम[3] अपरिवर्तित रहता है। इसलिये विभाजन होने के पूर्व गुणसूत्रों[4] पर स्थित 'सूचना' प्रतिकृत[5] हो जानी चाहिये और तत्पश्चात् इन जीनोमों को कोशिकाओं के बीच 'सफाई से' बांटना चाहिये।
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