यशवंत राव राने
यशवंत राव राने ने गोवा को पुर्तग़ाल के शासन से मुक्त करने के लिए एक सेना का निर्माण किया पुर्तग़ाल सेना के साथ कई बार युद्ध किया था।
- यशवंत राव राने संगठन शक्ति बहुत अच्छी थी। उनके कथन का लोगों पर शीघ्र प्रभाव पड़ता था। उन्होंने अपनी वाणी और व्यक्तित्त्व के प्रभाव से पुर्तग़ाली सेना में विद्रोह भी करा दिया।
- आखिर यशवंत राव राने सन 1912 में पकड़े गए और आजीवन कारावास की दंड देकर अफ्रीका भेजा दिए गए। अफ्रीका की जेल में ही उनकी मृत्यु हो गई।[1]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ यशवंत राव राने (हिंदी) क्रांति 1857। अभिगमन तिथि: 23 फरवरी, 2017।
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