अनुपातकम्
अनुपातकम् (न.) [अनु+पत्+णिच्+ण्वुल्]
- जघन्य पातक, जैसे चोरी, हत्या, व्यभिचार आदि, विष्णुस्मृति में ऐसे 35 तथा मनुस्मृति में 30 पातक गिनाए गए हैं।[1]
- REDIRECTसाँचा:इन्हें भी देखें
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
संबंधित लेख
अनुपातकम् (न.) [अनु+पत्+णिच्+ण्वुल्]
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