अपवर्तनम् (नपुं.) [अप+वृत्+ल्युट्]
- 1. दूर करना, स्थान° स्थानान्तरण
- 2. निकाल लेना, वञ्चित करना, न त्यागोऽस्ति द्विपन्त्याश्च न च दायापवर्तनम्-मनुस्मृति 9/79[1]
- REDIRECTसाँचा:इन्हें भी देखें
टीका टिप्पणी और संदर्भ
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संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश |लेखक: वामन शिवराम आप्टे |प्रकाशक: कमल प्रकाशन, नई दिल्ली-110002 |पृष्ठ संख्या: 67 |
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