आगस्
आगस् (नपुंसक लिंग) [इण+असुन्, आगादेश:]
- 1. दोष, अपराध, उल्लंघन-सहिष्ये शतमागांसि सूनोस्त इति यत्त्वया[1] द्वौ रिपू मम मतौ समागसौ[2], कृतागाः-[3]
- 2. पाप
समस्त पद-कृत (विशेषण) अपराध करने वाला, अपराधी, जुर्म करने वाला-अभ्यर्णमागस्कृतम- स्पृशद्भिः[4][5]
- REDIRECTसाँचा:इन्हें भी देखें
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
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