आदर घटै नरेस ढिग -रहीम
आदर घटै नरेस ढिग बसे रहै कछु नाहीं ।
जो ‘रहीम’ कोटिन मिलै, धिक जीवन जग माहीं ॥
- अर्थ
राजा के बहुत समीप जाने से आदर कम हो जाता है। और साथ रहने से कुछ भी मिलने का नही। बिना आदर के करोड़ों का धन मिल जाए, तो संसार में धिक्कार है ऐसे जीवन को।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
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