सब कोऊ सबसों करें -रहीम

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search

सब कोऊ सबसों करें, राम जुहार सलाम।
हित अनहित तब जानिये, जा दिन अटके काम॥

अर्थ

आपस में मिलते हैं तो सभी सबसे राम-राम, सलाम और जुहार करते हैं। पर कौन मित्र है और कौन शत्रु, इसका पता तो काम पड़ने पर ही चलता है। तभी, जबकि किसी का कोई काम अटक जाता है।


left|50px|link=रहिमन वहां न जाइये -रहीम|पीछे जाएँ रहीम के दोहे right|50px|link=खीरा को सिर काटिकै -रहीम|आगे जाएँ

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख


वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                              अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र   अः