लिहाफ़ -इस्मत चुग़ताई: Difference between revisions
Jump to navigation
Jump to search
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
गोविन्द राम (talk | contribs) (''''लिहाफ''' हिन्दी साहित्य को अपने अस्तित्व से गौरवान...' के साथ नया पन्ना बनाया) |
गोविन्द राम (talk | contribs) No edit summary |
||
(5 intermediate revisions by the same user not shown) | |||
Line 1: | Line 1: | ||
'''लिहाफ''' [[हिन्दी साहित्य]] को अपने अस्तित्व से गौरवान्वित करने वाली एक विशेष कहानी है | '''लिहाफ''' [[हिन्दी साहित्य]] को अपने अस्तित्व से गौरवान्वित करने वाली एक विशेष कहानी है जिसकी रचनाकार [[इस्मत चुग़ताई]] हैं। 1941 में लिखी गई इस कहानी में उन्होंने महिलाओं के बीच समलैंगिकता के मुद्दे को उठाया था। उस दौर में किसी महिला के लिए यह कहानी लिखना एक दुस्साहस का काम था। इस्मत को इस दुस्साहस की कीमत अश्लीलता को लेकर लगाए गए इल्ज़ाम और मुक़दमे के रूप में चुकानी पड़ी। | ||
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक= प्रारम्भिक1|माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }} | {{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक= प्रारम्भिक1|माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }} | ||
==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ||
Line 19: | Line 14: | ||
__INDEX__ | __INDEX__ | ||
__NOTOC__ |
Latest revision as of 08:53, 3 February 2013
लिहाफ हिन्दी साहित्य को अपने अस्तित्व से गौरवान्वित करने वाली एक विशेष कहानी है जिसकी रचनाकार इस्मत चुग़ताई हैं। 1941 में लिखी गई इस कहानी में उन्होंने महिलाओं के बीच समलैंगिकता के मुद्दे को उठाया था। उस दौर में किसी महिला के लिए यह कहानी लिखना एक दुस्साहस का काम था। इस्मत को इस दुस्साहस की कीमत अश्लीलता को लेकर लगाए गए इल्ज़ाम और मुक़दमे के रूप में चुकानी पड़ी।
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
संबंधित लेख