अपनी आज़ादी को हम: Difference between revisions
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वक़्त की आवाज़ के हम साथ चलते जाएंगे | वक़्त की आवाज़ के हम साथ चलते जाएंगे | ||
हर क़दम पर ज़िन्दगी का | हर क़दम पर ज़िन्दगी का रुख़ बदलते जाएंगे | ||
गर वतन में भी मिलेगा कोई गद्दारे वतन | गर वतन में भी मिलेगा कोई गद्दारे वतन | ||
अपनी ताकत से हम उसका सर कुचलते जाएंगे | अपनी ताकत से हम उसका सर कुचलते जाएंगे |
Latest revision as of 13:50, 3 February 2013
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अपनी आज़ादी को हम हरगिज़ मिटा सकते नहीं |
टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
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