चारित्र (उड़ीसा): Difference between revisions
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'''चारित्र''' का उल्लेख यात्री [[युवानच्वांग]] के यात्रा वर्णनों में मिलता है। [[चीन|चीनी]] यात्री युवानच्वांग (17वीं शती ई.) द्वारा उल्लिखित यह स्थान [[उड़ीसा]] का एक बंदरगाह था, जिसका अभिज्ञान सामान्यत: [[पुरी]] से किया जाता है।<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=ऐतिहासिक स्थानावली|लेखक=विजयेन्द्र कुमार माथुर|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक= | '''चारित्र''' का उल्लेख यात्री [[युवानच्वांग]] के यात्रा वर्णनों में मिलता है। [[चीन|चीनी]] यात्री युवानच्वांग (17वीं शती ई.) द्वारा उल्लिखित यह स्थान [[उड़ीसा]] का एक बंदरगाह था, जिसका अभिज्ञान सामान्यत: [[पुरी]] से किया जाता है।<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=ऐतिहासिक स्थानावली|लेखक=विजयेन्द्र कुमार माथुर|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग, मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार|संकलन= |संपादन= |पृष्ठ संख्या=332|url=}}</ref> | ||
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चारित्र का उल्लेख यात्री युवानच्वांग के यात्रा वर्णनों में मिलता है। चीनी यात्री युवानच्वांग (17वीं शती ई.) द्वारा उल्लिखित यह स्थान उड़ीसा का एक बंदरगाह था, जिसका अभिज्ञान सामान्यत: पुरी से किया जाता है।[1]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग, मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार |पृष्ठ संख्या: 332 |