|
|
Line 1: |
Line 1: |
| '''सुधर्मण''' [[जैन]] [[तीर्थंकर]] [[महावीर|महावीर स्वामी]] के प्रमुख ग्यारह अनुयायियों में से एक था।
| | #REDIRECT [[सुधर्मन]] |
| | |
| *महावीर स्वामी ने अपने जीवन काल में ही जैन संघ की स्थापना की थी।
| |
| *इस संघ में उन्होंने अपने ग्यारह प्रमुख अनुयायी को शामिल किया था।
| |
| *ये प्रमुख अनुयायी [[महावीर]] के गणधर कहे जाते थे।
| |
| *महावीर के जीवनकाल में ही 10 गणधर की मृत्यु हो गई थी।
| |
| *केवल एक गणधर 'सुधर्मण' ही जीवित रहा, जो जैन संघ का प्रथम मुखिया या अध्यक्ष बनाया गया।
| |
| | |
| {{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1|माध्यमिक=|पूर्णता=|शोध=}}
| |
| ==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
| |
| <references/>
| |
| ==संबंधित लेख==
| |
| {{जैन धर्म2}}
| |
| {{जैन धर्म}}
| |
| [[Category:जैन तीर्थंकर]]
| |
| [[Category:धर्म प्रवर्तक और संत]]
| |
| [[Category:जैन धर्म]]
| |
| [[Category:जैन धर्म कोश]]
| |
| __INDEX__
| |