अल्मोड़ा की लोककथा: Difference between revisions
Jump to navigation
Jump to search
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
No edit summary |
गोविन्द राम (talk | contribs) No edit summary |
||
Line 1: | Line 1: | ||
{{main|लोककथा संग्रहालय, भारतकोश}} | {{main|लोककथा संग्रहालय, भारतकोश}} | ||
<poem style="background:#fbf8df; padding:15px; font-size:14px; border:1px solid #003333; border-radius:5px"> | <poem style="background:#fbf8df; padding:15px; font-size:14px; border:1px solid #003333; border-radius:5px"> | ||
[[चित्र:A-Veiw-Of-Almora.jpg|thumb|250px|[[अल्मोड़ा]] का एक दृश्य]] | [[चित्र:A-Veiw-Of-Almora.jpg|thumb|250px|[[अल्मोड़ा]] का एक दृश्य]] | ||
[[अल्मोड़ा]] से जुड़ी एक लोककथा भी है जिसके अनुसार- | [[अल्मोड़ा]] से जुड़ी एक लोककथा भी है जिसके अनुसार- | ||
"छह सौ साल पुरानी बात है। उत्तराखण्ड में [[कुमाऊँ]] का एक राजा था। वह एक बार शिकार खेलने | "छह सौ साल पुरानी बात है। [[उत्तराखण्ड]] में [[कुमाऊँ]] का एक राजा था। वह एक बार शिकार खेलने अल्मोड़ा की घाटी में गया। वहाँ घना जंगल था। शिकार की टोह लेने के दौरान वहीं झाड़ियों में से एक खरगोश निकला। राजा ने उसका पीछा किया। अचानक वह खरगोश चीते में बदल गया और फिर दृष्टि से ओझल हो गया। इस घटना से स्तब्ध हुये राजा ने पंडितों की एक सभा बुलाई और उनसे इसका अर्थ पूछा। | ||
पंडितों ने कहा इसका अर्थ है कि जहाँ चीता दृष्टि से ओझल हो जाय, वहाँ एक नया नगर बसना | पंडितों ने कहा इसका अर्थ है कि जहाँ चीता दृष्टि से ओझल हो जाय, वहाँ एक नया नगर बसना चाहिए, क्योंकि चीते केवल उसी स्थान से भाग जाते हैं, जहाँ मनुष्यों को एक बड़ी संख्या में बसना हो। | ||
नया शहर बसाने का काम शुरू हुआ और इस प्रकार छह सौ साल पहले | नया शहर बसाने का काम शुरू हुआ और इस प्रकार छह सौ साल पहले अल्मोड़ा नगर की नींव पडी। | ||
</poem> | </poem> | ||
{{seealso|लोककथा संग्रहालय, मैसूर}} | {{seealso|लोककथा संग्रहालय, मैसूर}} | ||
{{लेख प्रगति|आधार= | {{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }} | ||
==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ||
<references/> | <references/> | ||
==संबंधित लेख== | ==संबंधित लेख== | ||
{{भारतकोश में संकलित लोककथाऐं}} | |||
[[Category: | [[Category: लोककथाएँ]] | ||
[[Category: कथा साहित्य]][[Category: कथा साहित्य कोश]] | |||
__INDEX__ | __INDEX__ |
Latest revision as of 14:39, 24 October 2013
- REDIRECTसाँचा:मुख्य
[[चित्र:A-Veiw-Of-Almora.jpg|thumb|250px|अल्मोड़ा का एक दृश्य]]
अल्मोड़ा से जुड़ी एक लोककथा भी है जिसके अनुसार-
"छह सौ साल पुरानी बात है। उत्तराखण्ड में कुमाऊँ का एक राजा था। वह एक बार शिकार खेलने अल्मोड़ा की घाटी में गया। वहाँ घना जंगल था। शिकार की टोह लेने के दौरान वहीं झाड़ियों में से एक खरगोश निकला। राजा ने उसका पीछा किया। अचानक वह खरगोश चीते में बदल गया और फिर दृष्टि से ओझल हो गया। इस घटना से स्तब्ध हुये राजा ने पंडितों की एक सभा बुलाई और उनसे इसका अर्थ पूछा।
पंडितों ने कहा इसका अर्थ है कि जहाँ चीता दृष्टि से ओझल हो जाय, वहाँ एक नया नगर बसना चाहिए, क्योंकि चीते केवल उसी स्थान से भाग जाते हैं, जहाँ मनुष्यों को एक बड़ी संख्या में बसना हो।
नया शहर बसाने का काम शुरू हुआ और इस प्रकार छह सौ साल पहले अल्मोड़ा नगर की नींव पडी।
- REDIRECTसाँचा:इन्हें भी देखें
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ