पहेली 25 मई 2016: Difference between revisions
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||[[चित्र:K M Cariappa.jpg|border|right|100px|के. एम. करिअप्पा]]'के. एम. करिअप्पा' [[भारत]] के पहले नागरिक थे, जिन्हें 'प्रथम कमाण्डर इन चीफ़' बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ था। [[के. एम. करिअप्पा|करिअप्पा]] ने जनरल के रूप में [[15 जनवरी]], [[1949]] ई. को पद ग्रहण किया था। इसके बाद से ही 15 जनवरी को '[[सेना दिवस]]' के रूप में मनाया जाने लगा। के. एम. करिअप्पा भारत की 'राजपूत रेजीमेन्ट' से सम्बद्ध थे। [[1953]] ई. में करिअप्पा सेवानिवृत्त हो गये थे, लेकिन फिर भी किसी न किसी रूप में उनका सहयोग [[भारतीय सेना]] को सदा प्राप्त होता रहा। उनके सेवा के क्षेत्र में स्मरणीय योगदान के लिए [[1979]] में '[[भारत सरकार]]' ने उन्हें 'फ़ील्ड मार्शल' की मानद उपाधि देकर सम्मानित किया था।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[के. एम. करिअप्पा]] | ||[[चित्र:K M Cariappa.jpg|border|right|100px|के. एम. करिअप्पा]]'के. एम. करिअप्पा' [[भारत]] के पहले नागरिक थे, जिन्हें 'प्रथम कमाण्डर इन चीफ़' बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ था। [[के. एम. करिअप्पा|करिअप्पा]] ने जनरल के रूप में [[15 जनवरी]], [[1949]] ई. को पद ग्रहण किया था। इसके बाद से ही 15 जनवरी को '[[थल सेना दिवस|सेना दिवस]]' के रूप में मनाया जाने लगा। के. एम. करिअप्पा भारत की 'राजपूत रेजीमेन्ट' से सम्बद्ध थे। [[1953]] ई. में करिअप्पा सेवानिवृत्त हो गये थे, लेकिन फिर भी किसी न किसी रूप में उनका सहयोग [[भारतीय सेना]] को सदा प्राप्त होता रहा। उनके सेवा के क्षेत्र में स्मरणीय योगदान के लिए [[1979]] में '[[भारत सरकार]]' ने उन्हें 'फ़ील्ड मार्शल' की मानद उपाधि देकर सम्मानित किया था।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[के. एम. करिअप्पा]] | ||
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