फजल ताबिश: Difference between revisions

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{{सूचना बक्सा साहित्यकार
#REDIRECT [[फ़ज़ल ताबिश]]
|चित्र=Fazl-Tabish.png
|चित्र का नाम=फजल ताबिश
|पूरा नाम=फजल ताबिश
|अन्य नाम=
|जन्म=[[15 अगस्त]], [[1933]]
|जन्म भूमि=[[भोपाल]]
|मृत्यु=[[10 नवम्बर]], [[1995]]
|मृत्यु स्थान=
|अभिभावक=
|पालक माता-पिता=
|पति/पत्नी=
|संतान=
|कर्म भूमि=
|कर्म-क्षेत्र=साहित्य
|मुख्य रचनाएँ=
|विषय=
|भाषा=[[उर्दू]]
|विद्यालय=
|शिक्षा=एम.ए
|पुरस्कार-उपाधि=
|प्रसिद्धि=उर्दू शायर
|विशेष योगदान=
|नागरिकता=भारतीय
|संबंधित लेख=
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|पाठ 2=
|अन्य जानकारी=फजल ताबिश भोपाल के नौजवान प्रतिनिधि थे। वह बहुत हॅसते थे। अपने हमउम्र में उनके पास सबसे ज़्यादा हॅसी का भंडार था, जिसे वह जी खोलकर खर्च करते थे।
|बाहरी कड़ियाँ=
|अद्यतन={{अद्यतन|18:24, 25 जून 2017 (IST)}}
}}
'''फजल ताबिश''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Fazal Tabish'', जन्म: [[15 अगस्त]], [[1933]], [[भोपाल]]; मृत्यु: [[10 नवम्बर]], [[1995]]) भोपाल के प्रसिद्ध शायर थे। शायरी के अलावा उन्होनें कहानियाँ भी लिखी, उपन्यास भी रचे और मणि कौल और कुमार शाहनी की फ़िल्मों में अभिनय भी किया।
==संक्षिप्त परिचय==
*फजल ताबिश का जन्म 15 अगस्त, 1933 में हुआ था। वह [[भोपाल]] के एक पुराने ख़ानदान के चिराग़ थे।<ref name="a">{{cite web |url=https://yuvasamvadmp.wordpress.com/2011/03/31/%E0%A4%AB%E0%A4%BC%E0%A4%9C%E0%A4%BC%E0%A4%B2-%E0%A4%A4%E0%A4%BE%E0%A4%AC%E0%A4%BF%E0%A4%B6-%E0%A4%AD%E0%A5%8B%E0%A4%AA%E0%A4%BE%E0%A4%B2-%E0%A4%95%E0%A4%BE-%E0%A4%B6%E0%A4%BE%E0%A4%AF%E0%A4%B0/ |title=फजल ताबिश -भोपाल का शायर |accessmonthday=25 जून |accessyear=2017 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=yuvasamvadmp.wordpress.com |language=हिंदी }}</ref>
*वह [[मुसलमान]] थे, लेकिन उनकी मुसलमानियत में दूसरे धर्मो की इंसानियत की भी इज्जत शामिल थी।
*फजल ताबिश अपनी प्रारंभिक शिक्षा पूरी भी नहीं कर पाए थे कि अचानक सारा घर बोझ बनकर उनके कंधों पर आ गिरा। घर में सबसे बड़ा होने के कारण उन्होंने अपनी शिक्षा रोककर एक कार्यालय में बाबूगिरी करने लगे।
*निरंतर 15 बरस घर की ज़िम्मेदारियों में खर्च होने के बाद जो थोड़े-बहुत रुपये बचे थे, उससे उन्होंने [[उर्दू]] में एम.ए किया और हमीदिया कॉलेज में लेक्चरर हो गए।
*उनको उर्दू का बांका और कड़वा शायर कहा जाता है। उनकी फक्‍कड़ जिंदगी और बेपरवाह तबीयत के बहुत किस्‍से हैं। उनकी शायरी का एक संग्रह 'रोशनी किस जगह से काली है' खासा चर्चित था।<ref>{{cite web |url=http://geetchaturvedi.blogspot.in/2008/08/blog-post_08.html |title=फजल ताबिश |accessmonthday=25 जून |accessyear=2017 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=geetchaturvedi.blogspot.in |language=हिंदी }}</ref>
*फजल ताबिश भोपाल के नौजवान प्रतिनिधि थे। वह बहुत हॅसते थे। अपने हमउम्र में उनके पास सबसे ज़्यादा हॅसी का भंडार था, जिसे वह जी खोलकर खर्च करते थे।
*फजल ताबिश [[शेरी भोपाली]], कैफ, ताज, दुष्यंत के बाद की नई पीढ़ी के शायर थे। वह [[भोपाल]] की तहज़ीब, उसके मूल्यों के मेयर थे।
*फजल ताबिश का निधन [[10 नवम्बर]], [[1995]] को हो गया।<ref>{{cite web |url=http://urduyouthforum.org/biography/biography-Fazal-Tabish.html |title=फजल ताबिश |accessmonthday=25 जून |accessyear=2017 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=urduyouthforum.org |language=हिंदी }}</ref>
<br />
 
'''फजल ताबिश की गजल के नगमें'''-<br />
<center>
<poem>
रेशा-रेशा उधेड़कर देखो
रोशनी किस जगह से काली है
सहर फैला रही है अपने बाजू
मेरा साया सिमटता जा रहा है
 
सुनो हम दरख़्तों से फल तोड़ने के लिए
उनके लिए मातमी धुन बजाते नहीं
सुनो प्यार के क़हक़हों वाले मासूम लम्हों में हम
आँसुओं के दियों को जलाते नहीं<ref name="a"/></poem></center>
 
 
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक3 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
<references/>
==बाहरी कड़ियाँ==
==संबंधित लेख==
{{उर्दू शायर}}
[[Category:उर्दू शायर]]
[[Category:कवि]][[Category:साहित्यकार]][[Category:साहित्य कोश]][[Category:प्रसिद्ध व्यक्तित्व कोश]][[Category:प्रसिद्ध व्यक्तित्व]] [[Category:चरित कोश]] [[Category:जीवनी साहित्य]]
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Latest revision as of 09:39, 22 July 2017