कुण्ड गुफ़ा चतरा: Difference between revisions

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*कुण्ड गुफ़ा में प्रवेश करने के लिए पर्यटकों को थोड़ी परेशानी का सामना करना पड़ता है क्योंकि इसका प्रवेश द्वार काफ़ी सकरा है।  
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*कुण्ड गुफ़ा के अन्दर एक बड़ा हॉल भी है जहाँ बहुत अंधेरा रहता है। हॉल में एक [[शिवलिंग]] भी है।  
*कुण्ड गुफ़ा के अन्दर एक बड़ा हॉल भी है जहाँ बहुत अंधेरा रहता है। हॉल में एक [[शिवलिंग]] भी है।  
*इस शिवलिंग की स्थापना एक सन्न्यासी ने की थी जो लगभग पचास वर्ष पहले यहाँ आया था।  
*इस शिवलिंग की स्थापना एक संन्यासी ने की थी जो लगभग पचास वर्ष पहले यहाँ आया था।  
*गुफ़ा की दीवारों पर कुछ लिखा भी गया है लेकिन इस [[लिपि]] को अभी तक पढ़ा नहीं गया है।  
*गुफ़ा की दीवारों पर कुछ लिखा भी गया है लेकिन इस [[लिपि]] को अभी तक पढ़ा नहीं गया है।  
*[[फाल्गुन]] की 14 तारीख को यहाँ पर भगवान [[शिव]] को समर्पित भव्य मेले का आयोजन किया जाता है। इस मेले में पर्यटक और स्थानीय निवासी समान रूप से भाग लेते हैं।  
*[[फाल्गुन]] की 14 तारीख को यहाँ पर भगवान [[शिव]] को समर्पित भव्य मेले का आयोजन किया जाता है। इस मेले में पर्यटक और स्थानीय निवासी समान रूप से भाग लेते हैं।  

Latest revision as of 11:43, 3 August 2017

कुण्ड गुफ़ा झारखण्ड राज्य के चतरा के बेहतरीन पर्यटक स्थलों में से एक मानी जाती है।

  • कुण्ड गुफ़ा के पास कुण्ड महल भी है जो जीर्ण-शीर्ण अवस्था में हैं। लेकिन पर्यटकों को महल की अपेक्षा गुफ़ा ज़्यादा आकर्षित करती हैं।
  • कुण्ड गुफ़ा पर्यटकों को बहुत पसंद आती है क्योंकि इसके शांत वातावरण में कुछ क्षण बिताना उनकी थकान को दूर देता है।
  • कुण्ड गुफ़ा में प्रवेश करने के लिए पर्यटकों को थोड़ी परेशानी का सामना करना पड़ता है क्योंकि इसका प्रवेश द्वार काफ़ी सकरा है।
  • कुण्ड गुफ़ा के अन्दर एक बड़ा हॉल भी है जहाँ बहुत अंधेरा रहता है। हॉल में एक शिवलिंग भी है।
  • इस शिवलिंग की स्थापना एक संन्यासी ने की थी जो लगभग पचास वर्ष पहले यहाँ आया था।
  • गुफ़ा की दीवारों पर कुछ लिखा भी गया है लेकिन इस लिपि को अभी तक पढ़ा नहीं गया है।
  • फाल्गुन की 14 तारीख को यहाँ पर भगवान शिव को समर्पित भव्य मेले का आयोजन किया जाता है। इस मेले में पर्यटक और स्थानीय निवासी समान रूप से भाग लेते हैं।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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