अंतरराष्ट्रीय मुद्रा निधि: Difference between revisions

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==उद्देश्य==
==उद्देश्य==
इस संगठन के मुख्य उद्देश्य निम्नलिखित हैं-
इस संगठन के मुख्य उद्देश्य निम्नलिखित हैं-
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#सदस्य राष्ट्रों के उत्पादन के साधनों में विकास करना।
#सदस्य राष्ट्रों के उत्पादन के साधनों में विकास करना।


सदस्य राष्ट्र अपनी विदेशी मुद्रा नीतियों में परिवर्तन के समय इससे राय लेते हैं और निधि द्वारा, समुचित सुरक्षा के विश्वास के बाद, सदस्य राष्ट्रों को भुगतान की अल्पकालिक तथा मध्यकालिक व्यवस्था के लिए विदेशी मुद्रा विनिमय के उपलब्ध स्रोतों से सहायता की जाती है।<ref>{{cite web |url= http://khoj.bharatdiscovery.org/india/%E0%A4%85%E0%A4%82%E0%A4%A4%E0%A4%B0%E0%A4%B0%E0%A4%BE%E0%A4%B7%E0%A5%8D%E0%A4%9F%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A5%80%E0%A4%AF_%E0%A4%AE%E0%A5%81%E0%A4%A6%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A4%BE_%E0%A4%A8%E0%A4%BF%E0%A4%A7%E0%A4%BF|title= अंतरराष्ट्रीय मुद्रा निधि|accessmonthday=11 मार्च|accessyear= 2015|last= |first= |authorlink= |format= |publisher= भारतखोज|language= हिन्दी}}</ref>
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==प्रतिनिधि==
==प्रतिनिधि==
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Latest revision as of 12:25, 25 October 2017

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा निधि की स्थापना 27 दिसंबर, 1945 को एक स्वतंत्र संगठन के रूप में हुई थी और 15 नवंबर, 1947 को लागू हुए एक सहमति पत्रक में संयुक्त राष्ट्रसंघ के सदस्य राष्ट्रों ने संघ से इसके संबंधों की व्याख्या की थी। सन 1962 में फंड ने एक ऐसी व्यवस्था की, जिसके अनुसार बेल्जियम, कनाडा, फ़्राँस, पश्चिमी जर्मनी, इटली, जापान, नीदरलैंड, स्वीडेन, ब्रिटेन तथा संयुक्त राष्ट्र अमेरिका अंतर्राष्ट्रीय भुगतान व्यवस्था की गड़बड़ी की स्थिति में फंड को धनराशि प्रदान करेंगे। 1975 तक यह व्यवस्था रहेगी।

उद्देश्य

इस संगठन के मुख्य उद्देश्य निम्नलिखित हैं-

  1. अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक सहकार तथा विनिमय की स्थिरता
  2. मुद्रा विनिमय की कठिनाइयों के दूरीकरण और बहुपार्श्वीय भुगतान की व्यवस्था में सहयोग देना।
  3. रोज़गार और आय के उच्च स्तर कायम करने के लिए विश्व व्यापार के विस्तार में सहायक होना।
  4. सदस्य राष्ट्रों के उत्पादन के साधनों में विकास करना।

सदस्य राष्ट्र अपनी विदेशी मुद्रा नीतियों में परिवर्तन के समय इससे राय लेते हैं और निधि द्वारा, समुचित सुरक्षा के विश्वास के बाद, सदस्य राष्ट्रों को भुगतान की अल्पकालिक तथा मध्यकालिक व्यवस्था के लिए विदेशी मुद्रा विनिमय के उपलब्ध स्रोतों से सहायता की जाती है।[1]

प्रतिनिधि

निधि की सर्वोच्च सत्ता बोर्ड ऑफ़ गवर्नर्स के हाथ में है, जिसमें प्रत्येक सदस्य राष्ट्र का प्रतिनिधि होता है। इसकी बैठक वर्ष में एक बार होती है। अधिशासी संचालक[2] विधि का सामान्य कार्य संचालन करते हैं। ये लोग मिलकर एक प्रबंध संचालक का चयन करते हैं, जो सामान्यत पाँच वर्षों तक पदासीन रहता है। इसका मुख्य कार्यालय वाशिंगटन में है।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा निधि (हिन्दी) भारतखोज। अभिगमन तिथि: 11 मार्च, 2015।
  2. संप्रति 6 नियुक्त और 14 अप्रतिनिधित्व वाले देशों से

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