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| | | {[[भारतीय संविधान]] को निम्नलिखित में से कौन-सी अनुसूची राज्यसभा में स्थानों के आवंटन से संबंधित है? |
| {भूतपूर्व सोवियत संविधान ने अपनी संघीय इकाइयों को कुछ ऐसे अधिकार दिए थे जो भारतीय तथा अमेरिकी संघों ने अपनी इकाइयों को नहीं दिए हैं। (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-113,प्रश्न-15 | |
| |type="()"}
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| -विदेशी शक्तियों के साथ संबंध स्थापित करना
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| -संघ से अलग हो सकना
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| +उपर्युक्त दोनों
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| -उपर्युक्त सभी | |
| ||भूतपूर्व सोवियत संघ के संविधान में संघीय इकाइयों (राज्यों) को संघ से पृथक होने का अधिकार दिया गया था। साथ ही संघीय इकाइयां विदेशी शक्तियों के साथ संबंध स्थापित कर सकती थीं अत: स्पष्ट है कि कथन (1) और (2) सही है।
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| {विश्व स्वास्थ्य संगठन का मुख्यालय कहां हैं? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-120,प्रश्न-18
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| |type="()"} | | |type="()"} |
| -वियेना | | -[[भारत का संविधान- तीसरी अनुसूची |तीसरी अनुसूची]] |
| -रोम | | +[[भारत का संविधान- चौथी अनुसूची|चौथी अनुसूची]] |
| -न्यूयॉर्क | | -[[भारत का संविधान- पांचवीं अनुसूची|पांचवीं अनुसूची]] |
| +जिनेवा
| | -[[भारत का संविधान- छठी अनुसूची|छठीं अनुसूची]] |
| ||विश्व स्वास्थ्य संगठन की स्थापना 7 अप्रैल, 1948 को की गई। इसका उद्देश्य विश्व के लोगों का स्वास्थ्य स्तर ऊंचा करना है। इसके 194 सदस्य देश तथा 2 संबद्ध सदस्य हैं। इसका मुख्यालय जिनेवा (स्विट्जरलैंड) में है। | | ||[[भारतीय संविधान]] की चौथी अनुसूची [[राज्य सभा]] में स्थानों के आवंटन से संबंधित है। |
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| {"जब प्रशासन का कार्य नहीं बढ़ता है, उस स्थिति में भी उसका आकार बढ़ता जाता है।" उपर्युक्त अवधारणा के साथ किसका नाम जुड़ा हुआ है? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-134,प्रश्न-36
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| |type="()"}
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| +पर्किन्सन का
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| -जेनिंग्स का
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| -माइटरवे का
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| -हिंग्लेएन का
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| ||उपर्युक्त अवधारणा के साथ ब्रिटिश सिविल सेवक सिरिल नार्थकोट पर्किन्सन का नाम जुड़ा हुआ है।
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| {नव उपनिवेशवाद के संबंध में क्या सही है? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-195,प्रश्न-18 | | {'पैकेज डील' का संबंध है: (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-121,प्रश्न-25 |
| |type="()"} | | |type="()"} |
| -नव उपनिवेशवाद 'प्रभाव क्षेत्र' का साम्राज्य है एवं यह आधुनिक साम्राज्यवाद है। | | -[[भारत]]-[[चीन]] वार्ता से |
| -नव उपनिवेशवाद में एक शक्तिशाली राष्ट्र से और अपेक्षाकृत एक कम शक्तिशाली राष्ट्र का संबंध एक आर्थिक उपनिवेश अथवा उपग्रह का होता है। | | -[[भारत]]-[[पाक]] वार्ता से |
| -इसमें बहुराष्ट्रीय कंपनियों द्वारा खनिज संपदा एक उपभोक्त व्यापार पर नियंत्रण आदि साधनों का प्रयोग किया जाता है। | | +[[संयुक्त राष्ट्र संघ]] की सदस्यता से |
| +उपर्युक्त सभी
| | -कॉमनवेल्थ की सदस्यता से |
| ||विकसित देशों द्वारा विकासशील देशों के आंतरिक मामलों में प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से किए जाने वाले हस्तक्षेप को 'नव-उपनिवेशवाद' (Neo-Colonialism) कहा जाता है। प्रश्न में दिए गए तीनों कथन नव-उपनिवेशवाद के संबंध में सही हैं। | | ||पैकेज डील का संबंध संयुक्त राष्ट्र की सदस्यता से था। |
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| {'वेल्थ ऑफ़ नेशंस' किसकी रचना है? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-202,प्रश्न-15
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| |type="()"}
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| -स्पेंसर की
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| +एडम स्मिथ की
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| -रिकार्डो की
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| -लास्की की
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| ||'एन इंक्वायरी इन टू दि नेचर एंड कॉलेज ऑफ़ दि वेल्थ ऑफ़ नेशंस' एडम स्मिथ द्वारा लिखी गई है, जिसका संक्षिप्त शीर्षक, 'वेल्थ ऑफ़ नेशंस' है। इसका प्रकाशन वर्ष 1776 में किया गया।
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| {"राज्य न ही ईश्वर की रचना है, न श्रेष्ठ शारीरिक बल की, न ही प्रस्तावों एवं सम्मेलनों की कृति है न ही परिवार का मात्र विस्तार है।" यह कथन किसका है? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-11,प्रश्न-38
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| |type="()"}
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| -मैकाइवर
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| +गार्नर
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| -गेटेल
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| -मोरगान
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| ||[[राज्य]] की उत्पत्ति एवं विकास की व्याख्या करने के क्रम में दैवीय सिद्धांत, शक्ति सिद्धांत, सामाजिक समझौता सिद्धांत, पैतृक सिद्धांत एवं मातृक सिद्धांत अस्तित्व में आए। राज्य की उत्पत्ति का सर्वाधिक की व्याख्या आंशिक रूप से ही कर पाए। राज्य की उत्पत्ति का सर्वाधिक मान्य सिद्धांत ऐतिहासिक या विकासवादी सिद्धांत है। विकासवादी सिद्धांत के समर्थन में ही गार्नर ने कहा है कि "राज्य न ही ईश्वर की रचना है, न श्रेष्ठ शारीरिक बल का परिणाम है, न ही किसी प्रस्ताव व समझौते की कृति है तथा न ही परिवार का विस्तृत रूप है। यह तो क्रमिक विकास से उदित एक ऐतिहासिक संस्था है।''
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| {प्रभुसत्ता के एकत्ववादी सिद्धांत का प्रतिपादन निम्नलिखित में से किसने किया? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-24,प्रश्न-15 | | {सर आइवर जेनिंग्स द्वारा लिखित पुस्तक कौन नहीं है? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-205,प्रश्न-34 |
| |type="()"} | | |type="()"} |
| +ऑस्टिन
| | -सम कैरेक्टरस्टिक्स ऑफ़ दि इंडियन कांस्टीट्यूशन |
| -ऑक | | -दी लॉ एंड दी कांस्टीट्यूशन |
| -एक्वीनास
| | +माडर्न कांस्टीट्यूशन |
| -मैटलैंड | | -कैबिनेट गवर्नमेंट |
| ||जॉन ऑस्टिन द्वारा प्रतिपादित प्रभुसत्ता सिद्धांत को 'एकलवादी सिद्धांत' कहा जाता है। ऑस्टिन ने सकारात्मक कानून (Positive Law) का सिद्धांत भी प्रस्तुत किया था जो राज्य की कानूनी प्रभुसत्ता से जुड़ा है। | | ||'मॉडर्न कांस्टीट्यूशन' नामक पुस्तक के.सी. व्हीयर द्वारा लिखी गई है। शेष पुस्तकों को सर आइवर जेनिंग्स द्वारा लिखा गया है। |
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| {निम्नलिखित में से किस व्यवहारवादी विचारक ने अपने चिंतन में 'मानवीय स्वतंत्रता एवं प्रतिष्ठा' को इरादों (Intention), प्रयोजन (purpose) और प्रेरणा (Motive) से जोड़ा है? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-35, प्रश्न-25 | | {यदि राज्य सभा किसी संविधान संशोधन विधेयक पर लोक सभा से असहमत हो तो ऐसी स्थिति में-(नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-141,प्रश्न-25 |
| |type="()"} | | |type="()"} |
| +बी.एफ. स्कीनर | | +संशोधन विधेयक पारित नहीं माना जाता |
| -डेविड ईस्टन | | -दोनों सदनों की संयुक्त बैठक द्वारा इसका निर्णय होगा |
| -लियोवार्ड ह्वाइट | | -लोक सभा द्वारा दो-तिहाई बहुमत से यह विधेयक पारित कर दिया जाएगा |
| -शूमा | | -लोक सभा राज्य सभा के मत को अस्वीकृत कर देगी |
| ||प्रसिद्ध व्यवहारवादी विचारक बी.एफ. स्कीनर ने अपने चिंतन में मानवीय स्वतंत्रता एवं प्रतिष्ठा को इरादों (Intention), प्रयोजन (purpose) और प्रेरणा (Motive) से जोड़ा है?
| | ||संविधान संशोधन विधेयक संसद के दोनों सदनों द्वारा अलग-अलग विशेष बहुमत से स्वीकृत किया जाना आवश्यक है। दोनों सदनों में असहमति की स्थिति में विधेयक अंतिम रूप से समाप्त हो जाएगा क्योंकि संविधान संशोधन के प्रस्ताव पर विचार करने के लिए संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक की संविधान में कोई व्यवस्था नहीं हैं। |
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| {निम्नलिखित में से किसने 'फॉसीवाद के सिद्धांत' का वर्णन, इस रूप में किया है कि वह समाजवाद का राष्ट्रवादी रूप है? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-42,प्रश्न-16
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| |type="()"}
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| -मार्टिन हैडेगर
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| -जॉर्जेज सोरेल
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| +एल्फ्रेडो रोक्को
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| -रूडोल्फ जेलेन
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| ||एल्फ्रेडो रोक्को ने फासीवाद के सिद्धांत का वर्णन इस रूप में किया है कि वह "समाजवाद का राष्ट्रवादी रूप है।" रोक्को इटली में लंबे समय तक राष्ट्रवादियों का नेता था। वह इटली में नए गठबंधन सरकार में न्यायमंत्री (Minister of justice) था। उपरोक्त परिभाषा को उसने 1925 में चैम्बर ऑफ डिपुटीज के समक्ष भाषण देते हुए कहा था कि समाजवाद का राष्ट्रीय वर्जन प्रत्येक लोगों में खुशी लायेगा। | |
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| {फॉसीवादियों के अनुसार जनतंत्र का सर्वाधिक वास्तविक रूप निम्न में से किसके द्वारा चलाई जाने वाली सरकार में पाया जाता है? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-42,प्रश्न-17
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| +अभिजात वर्ग
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| -जंगखोर
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| -जनतंत्रवादी
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| -अराजकतावादी
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| ||फॉसीवाद समानता विरोधी और विशिष्ट वर्ग के सिद्धांत तथा नेतृत्व पूजा में विश्वास रखते हैं। इनके अनुसार [[फ्रांस]] के पश्चात लोकतंत्रवाद आया पर वह वास्तविक रूप में जनता के शासन की स्थापना न कर सका। इनके अनुसार लोकतंत्र में शक्ति कुछ चतुर और स्वार्थी लोगों के हाथों में केंद्रित हो जाती हैं। इसीलिए ये लोकतंत्र को भ्रष्ट, काल्पनिक तथा अव्यावहारिक शासन व्यवस्था मानते हैं।
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