भू-स्थित कक्षा: Difference between revisions
Jump to navigation
Jump to search
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
व्यवस्थापन (talk | contribs) m (Text replace - "श्रृंखला" to "शृंखला") |
आदित्य चौधरी (talk | contribs) m (Text replacement - "शृंखला" to "श्रृंखला") |
||
Line 1: | Line 1: | ||
'''भू-स्थित कक्षा''' [[पृथ्वी]] से 36,000 कि.मी. की ऊँचाई पर [[भूमध्य रेखा|भूमध्य रेखीय]] तल की वृत्तीय कक्षा है। इस कक्षा में उपस्थित उपग्रह पृथ्वी का चक्कर 24 घंटे में लगाता है, जबकि पृथ्वी भी अपने अक्ष पर 24 घंटे में एक चक्कर लगाती है। इसलिए ऐसा उपग्रह पृथ्वी के किसी भी बिन्दु से देखने में सदैव स्थिर दिखाई पड़ता है। इनसैट | '''भू-स्थित कक्षा''' [[पृथ्वी]] से 36,000 कि.मी. की ऊँचाई पर [[भूमध्य रेखा|भूमध्य रेखीय]] तल की वृत्तीय कक्षा है। इस कक्षा में उपस्थित उपग्रह पृथ्वी का चक्कर 24 घंटे में लगाता है, जबकि पृथ्वी भी अपने अक्ष पर 24 घंटे में एक चक्कर लगाती है। इसलिए ऐसा उपग्रह पृथ्वी के किसी भी बिन्दु से देखने में सदैव स्थिर दिखाई पड़ता है। इनसैट श्रृंखला के उपग्रह इसी कक्षा में स्थापित किये जाते हैं। | ||
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1|माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }} | {{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1|माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }} |
Latest revision as of 11:31, 9 February 2021
भू-स्थित कक्षा पृथ्वी से 36,000 कि.मी. की ऊँचाई पर भूमध्य रेखीय तल की वृत्तीय कक्षा है। इस कक्षा में उपस्थित उपग्रह पृथ्वी का चक्कर 24 घंटे में लगाता है, जबकि पृथ्वी भी अपने अक्ष पर 24 घंटे में एक चक्कर लगाती है। इसलिए ऐसा उपग्रह पृथ्वी के किसी भी बिन्दु से देखने में सदैव स्थिर दिखाई पड़ता है। इनसैट श्रृंखला के उपग्रह इसी कक्षा में स्थापित किये जाते हैं।
|
|
|
|
|