उस्ताद योजना: Difference between revisions

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*उस्ताद से बड़ी कंपनियों से प्रतिस्पर्धा करने के लिए कुशल और अकुशल दस्तकारों एवं शिल्पकारों को प्रशिक्षित किया जा रहा है।
*उस्ताद से बड़ी कंपनियों से प्रतिस्पर्धा करने के लिए कुशल और अकुशल दस्तकारों एवं शिल्पकारों को प्रशिक्षित किया जा रहा है।
*योजना के माध्यम से अल्पसंख्यक समुदाय से संबंधित युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराकर बेहतर भविष्य प्रदान करने पर जोर है।  
*योजना के माध्यम से अल्पसंख्यक समुदाय से संबंधित युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराकर बेहतर भविष्य प्रदान करने पर जोर है।  
*उस्ताद योजना को पूरे देश में लागू करने का प्रस्ताव है। केंद्रीय अल्पसंख्यक विकास राज्य मंत्री [[मुख़्तार अब्बास नकवी]] ने कहा था कि उस्‍ताद योजना [[कश्‍मीर]] से लेकर [[कन्‍याकुमारी]] तक और [[अरुणाचल प्रदेश]] से लेकर [[गुजरात]] तक देश के सभी क्षेत्रों के लिए मान्‍य है।
*उस्ताद योजना को पूरे देश में लागू करने का प्रस्ताव है। केंद्रीय अल्पसंख्यक विकास राज्य मंत्री [[मुख़्तार अब्बास नकवी]] ने कहा था कि उस्‍ताद योजना [[कश्मीर]] से लेकर [[कन्याकुमारी]] तक और [[अरुणाचल प्रदेश]] से लेकर [[गुजरात]] तक देश के सभी क्षेत्रों के लिए मान्‍य है।


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Latest revision as of 10:56, 7 December 2021

उस्ताद योजना (अंग्रेज़ी: USTTAD - Upgrading the Skills and Training in Traditional Arts or Crafts for Development) का शुभारंभ 2015 में वाराणसी, उत्तर प्रदेश से हुआ था। यह भारत सरकार द्वारा चलाया गया कार्यक्रम है, जिसके तहत अल्पसंख्यक समुदाय को बड़े बाजार नेटवर्क से जोड़ने का उद्देश्य रखा गया है। इससे हस्त शिल्पकारों को कौशल विकास, शिक्षा एवं कर्ज की उपलब्धि करायी जायेगी। साल 2014 में तत्कालीन केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने 17 करोड़ रुपये के शुरुआती फंड से उस्ताद योजना की नींव रखी थी।

शुरुआत

उस्ताद योजना में 45 साल तक की उम्र के लोगों को 3-8 महीने की कुशलता सीखने में हर महीने 3,000 रुपये का स्टाइपेंड मिलता है। सरकार का इरादा विकासोन्मुख क्षेत्रों से जुड़े अल्पसंख्यक समुदाय के कामगारों को बड़े बाजार नेटवर्क का हिस्सा बनाने का है। कौशल विकास, शिक्षा, कर्ज की उपलब्धता उस्ताद से संबंधित रणनीति में अहम भूमिका निभाएगी। देश में अशिक्षा, अज्ञानता और गरीबी के चलते पारंपरिक कला के पेशे से जुड़े गई लोग अपनी कला से दूर हो रहे हैं। पारंपरिक धरोहर के प्रति इस बेरुखी को देखते हुए सरकार ने 14 मई, 2015 को वाराणसी से इस योजना की शुरुआत की है।[1]

उद्देश्य

केंद्र सरकार ने अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों में पारंपरिक कला और समुदाय से संबंधित हस्त कला को बढ़ावा देने के लिए कौशल विकास तथा प्रशिक्षण योजना उस्ताद योजना शुरू की है। उस्ताद योजना में ऐसी नीतियों को प्रमुखता दी गयी है, जिससे पारंपरिक धरोहर से बेरुखी की स्थिति में बदलाव लाया जा सके। इसके साथ ही पारंपरिक कौशल, डिजाइन विकास, क्षमता निर्माण और उस्‍ताद दस्‍तकारों और हस्‍त शि‍ल्पियों के पारंपरिक कौशल को बढ़ाने की कोशिश की जाए। उस्ताद योजना में कुशलता के मानक निर्धारण और कौशल का संरक्षण प्रमुख लक्ष्य है। इस योजना के उद्देश्‍य में यह भी शामिल है कि विभिन्‍न पारंपरिक कलाओं में संलग्‍न अल्‍पसंख्‍यक युवाओं को दक्ष-प्रवीण दस्‍तकारों और हस्‍त शिल्पियों द्वारा अतिरिक्त प्रशिक्षण दिलाया जाए।

बेहतर बाजार उपलब्ध कराना

पारंपरिक कौशल वाले इन कलाकारों के सामने सबसे बड़ी समस्या जीवन-यापन की रही है। उनकी कुशलता को सही लोगों तक पहुंचाने और कला का उचित मूल्य उपलब्ध कराने के लिए उस्ताद योजना से बड़े संस्थानों को जोड़ा गया है। कलाकारों के डिजाइन, उत्‍पाद श्रेणी विकास, पैकेजिंग, प्रदर्शनी जैसी गतिविधियों के लिए उस्ताद में राष्‍ट्रीय फैशन प्रौद्योगिकी संस्‍थान, राष्‍ट्रीय डिजाइन संस्‍थान और भारतीय पैकेजिंग संस्‍थान की सहायता ली जा रही है।[1]

योजना में क्या है खास?

  • उस्ताद योजना राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय बाजार के साथ पारंपरिक कला/शिल्प के संबंध स्थापित करेगी।
  • योजना का वित्तपोषण केंद्र सरकार द्वारा किया जा रहा है।
  • उस्ताद से बड़ी कंपनियों से प्रतिस्पर्धा करने के लिए कुशल और अकुशल दस्तकारों एवं शिल्पकारों को प्रशिक्षित किया जा रहा है।
  • योजना के माध्यम से अल्पसंख्यक समुदाय से संबंधित युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराकर बेहतर भविष्य प्रदान करने पर जोर है।
  • उस्ताद योजना को पूरे देश में लागू करने का प्रस्ताव है। केंद्रीय अल्पसंख्यक विकास राज्य मंत्री मुख़्तार अब्बास नकवी ने कहा था कि उस्‍ताद योजना कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक और अरुणाचल प्रदेश से लेकर गुजरात तक देश के सभी क्षेत्रों के लिए मान्‍य है।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. 1.0 1.1 केंद्र की उस्ताद योजना से पारंपरिक कला को मिलेगा बढ़ावा (हिंदी) economictimes.indiatimes.com। अभिगमन तिथि: 07 दिसम्बर, 2021।

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