प्राकृतिक संसाधन: Difference between revisions
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*पृथ्वी की भूपर्पटी से जीवाश्मीय ईंधन के भारी भंडार प्राप्त होते हैं। इनमें [[कोयला]], [[पेट्रोलियम]], [[प्राकृतिक गैस]] और मीथेन क्लेथरेट शामिल हैं। इन भंडारों का उपयोग [[ऊर्जा]] व रसायन उत्पादन के लिए किया जाता है। खनिज अयस्क पिंडों का निर्माण भी पृथ्वी की भूपर्पटी में ही होता है। | |||
*पृथ्वी का बायोमंडल मानव के लिए उपयोगी कई जैविक उत्पादों का उत्पादन करता है। इनमें भोजन, लकड़ी, फार्मास्युटिकल्स, [[ऑक्सीजन]] इत्यादि शामिल है। भूमि आधारित पारिस्थिकीय प्रणाली मुख्य रूप से मृदा की ऊपरी परत और ताजा जल पर निर्भर करती है। दूसरी ओर महासागरीय पारिस्थितकीय प्रणाली भूमि से महासागरों में बहकर गये हुए पोषणीय तत्वों पर निर्भर करती है। | *पृथ्वी का बायोमंडल मानव के लिए उपयोगी कई जैविक उत्पादों का उत्पादन करता है। इनमें भोजन, लकड़ी, फार्मास्युटिकल्स, [[ऑक्सीजन]] इत्यादि शामिल है। भूमि आधारित पारिस्थिकीय प्रणाली मुख्य रूप से मृदा की ऊपरी परत और ताजा जल पर निर्भर करती है। दूसरी ओर महासागरीय पारिस्थितकीय प्रणाली भूमि से महासागरों में बहकर गये हुए पोषणीय तत्वों पर निर्भर करती है। | ||
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Latest revision as of 09:33, 29 August 2014
भूमि | प्रतिशत |
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खेती योग्य भूमि | 13.13 प्रतिशत |
स्थाई फसलें | 4.71 प्रतिशत |
स्थाई चारगाह | 26 प्रतिशत |
वन | 32 प्रतिशत |
शहरी क्षेत्र | 1.5 प्रतिशत |
अन्य | 30 प्रतिशत |
पृथ्वी हमें प्राकृतिक संसाधन उपलब्ध कराती है जिसे मानव अपने उपयोगी कार्यों के लिए प्रयोग करता है। इनमें से कुछ संसाधन को पुन: नवीनीकृत नहीं किया जा सकता है, उदाहरणस्वरूप- खनिज ईंधन। जिनका प्रकृति द्वारा जल्दी से निर्माण करना संभव नहीं है।
- पृथ्वी की भूपर्पटी से जीवाश्मीय ईंधन के भारी भंडार प्राप्त होते हैं। इनमें कोयला, पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस और मीथेन क्लेथरेट शामिल हैं। इन भंडारों का उपयोग ऊर्जा व रसायन उत्पादन के लिए किया जाता है। खनिज अयस्क पिंडों का निर्माण भी पृथ्वी की भूपर्पटी में ही होता है।
- पृथ्वी का बायोमंडल मानव के लिए उपयोगी कई जैविक उत्पादों का उत्पादन करता है। इनमें भोजन, लकड़ी, फार्मास्युटिकल्स, ऑक्सीजन इत्यादि शामिल है। भूमि आधारित पारिस्थिकीय प्रणाली मुख्य रूप से मृदा की ऊपरी परत और ताजा जल पर निर्भर करती है। दूसरी ओर महासागरीय पारिस्थितकीय प्रणाली भूमि से महासागरों में बहकर गये हुए पोषणीय तत्वों पर निर्भर करती है।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
संबंधित लेख