विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र: Difference between revisions
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Latest revision as of 13:57, 6 July 2012
विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (वी.एस.एस.सी.) तिरुवनंतपुरम स्थित इसरो का प्रमुख केंद्र है। जहाँ उपग्रहों और परिज्ञापी रॉकेटों के प्रमोचन यानों के विन्यास और विकास की गतिविधियाँ निष्पादित की जाती हैं और प्रमोचन प्रचालनों के लिए तैयार किए जाते हैं।
कार्य
यह केंद्र सम्बद्ध प्रौद्योगिकी, जैसे- प्रमोचन यान रचना, नोदक, ठोस नोदन प्रौद्योगिकी, वायु गतिकी, वायु संरचनात्मक और वैमानिक ऊष्माक आयाम, उड्डयनकी, बहुलक और संघटक, निदेशन, नियंत्रण और अनुकार, कंप्यूटर एवं सूचना, यांत्रिक अभियांत्रिकी, आंतरिक्ष यंत्रावली, यान समेकन और परीक्षण, अंतरिक्ष आयुध, रसायन और पदार्थों पर अनुसंधान और विकास कार्य निष्पादित करता है।
अभियांत्रिकी और प्रचालनों के सभी आयामों की विश्वसनीयता और गुणवत्ता आश्वासनों का अध्ययन एवं मूल्यांकन प्रत्येक क्षेत्र में अपेक्षित श्रेष्ठता स्तर तक किया जाता है। कार्यक्रम आयोजना और मूल्यांकन, प्रौद्योगिकी अंतरण और औद्योगिक समन्वेय, स्वदेशीकरण, मानव संसाधन विकास, सुरक्षा तथा कार्मिक और सामान्य प्रशासन समूह केंद्र को इसकी सभी गतिविधियों में सहायता प्रदान करते हैं।
गतिविधियाँ
वी.एस.एस.सी. की अंतरिक्ष भौतिकी प्रयोगशाला वायुमंडलीय विज्ञान में अध्ययन और अनुसंधान तथा अंतरिक्ष विज्ञान संबंधी गतिविधियाँ निष्पांदित करती है। केरल के अलुवा में अमोनियम परक्लोरेट प्रायोगिक संयंत्र (ए.पी.ई.पी.) वी.एस.एस.सी. का एक अंग है।
कार्यक्रम
वी.एस.एस.सी. के प्रमुख कार्यक्रमों में ध्रुवीय उपग्रह प्रमोचन यानों (पी.एस.एल.वी.) की परियोजनाएँ, भूतुल्यकाली उपग्रह प्रमोचन यानों (जी.एस.एल.वी. मार्क-II और मार्क-III), रोहिणी परिज्ञापी रॉकेट, अंतरिक्ष कैप्सूल पुनर्प्राप्ति परीक्षण, पुनरुपयोगी प्रमोचन यान और उन्नत पुनरुपयोगी प्रमोचन यानों के लिए वायु श्वसन नोदन सम्मिलित हैं।
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