सैर: Difference between revisions

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*सैर करने के लिए शांत वातावरण और चारों तरफ प्राकृतिक सौंदर्य वाला या खुला स्थान चुनें।
*सैर करने के लिए शांत वातावरण और चारों तरफ प्राकृतिक सौंदर्य वाला या खुला स्थान चुनें।
*सैर करते समय मन में शुद्ध विचार लाएँ और हल्की गहरी साँस लेने की आदत डालें।
*सैर करते समय मन में शुद्ध विचार लाएँ और हल्की गहरी साँस लेने की आदत डालें।
*हमारे शरीर के तापमान को सामान्य रखने के लिए शरीर को अतिरिक्त पानी चाहिए, अतः सैर पर जाने से पहले और पश्चात एक गिलास पानी अवश्य पिएँ।
*हमारे शरीर के तापमान को सामान्य रखने के लिए शरीर को अतिरिक्त पानी चाहिए, अतः सैर पर जाने से पहले और पश्चात् एक गिलास पानी अवश्य पिएँ।
*किसी प्रकार का मानसिक तनाव टहलते समय न रखें।
*किसी प्रकार का मानसिक तनाव टहलते समय न रखें।
*हाथों को टहलते समय नीचे की ओर रखें और बराबर हिलाते रहें, इससे स्फूर्ति मिलती है।
*हाथों को टहलते समय नीचे की ओर रखें और बराबर हिलाते रहें, इससे स्फूर्ति मिलती है।

Latest revision as of 07:35, 7 November 2017

एक स्थान से दूसरे स्थान की यात्रा करने को सैर कहते हैं। मनोरंजन के लिए घूमना-फिरना, सुबह के समय घूमना, भ्रमण करना, विनोद यात्रा करना, विहार करना या वायु का सेवन करना सैर कहलाता है। सैर कई प्रकार से कर सकते हैं। पैदल या किसी साधन के द्वारा। सैर करने से कई लाभ होते हैं। सैर करने से हमारा स्वास्थ्य ठीक रहता है और मनोरंजन भी होता है।

सुबह की सैर

सुबह की खुली स्वच्छ वायु में भ्रमण करने से शरीर रोगमुक्त रहता है और हम जिन रोगों से ग्रसित हैं, उन रोगों से होने वाली तकलीफ़ों से हम कुछ राहत महसूस करते हैं। युवाओं, बच्चों, बुजुर्गों, महिलाओं सभी के अच्छे स्वास्थ्य हेतु सुबह की सैर एक संजीवनी है। सुबह की सैर सेहत बनाने का बहुत सरल, सस्ता और सुविधाजनक उपाय है। पूरे दिन में सुबह का समय सर्वोत्तम होता है, क्योंकि इस समय हवा शुद्ध और प्रदूषण रहित होती है एवं प्राकृतिक छटा और सूर्योदय की लालिमा सुहावनी और शांतिप्रिय होती है।[1]

सैर के लाभ

  • नियमित सैर करने से मांसपेशियाँ मज़बूत होती हैं, और बाजुओं, पेट एवं जाँघों से अतिरिक्त चर्बी कम होती है।
  • फेफड़ों में रक्त शुद्ध करने की क्रिया को सुबह की खुली स्वच्छ वायु प्रभावशाली बनाती है। इससे शरीर में ऑक्सीहीमोग्लोबीन बनता है, जो कोशिकाओं को शुद्ध ऑक्सीजन पहुँचाता है।
  • चिकित्सक द्वारा हृदय, रक्तचाप, स्नायु रोग, मधुमेह आदि के रोगियों को सुबह के समय सैर करने की सलाह दी जाती है।
  • सुबह की सैर हड्डियों के घनत्व को भी बढ़ाती है।
  • सुबह के समय टहलने से न केवल शारीरिक, बल्कि मानसिक क्षमता भी बढ़ जाती है एवं तनाव दूर होता है।
  • प्रतिदिन 3 किलोमीटर एवं सप्ताह में 5 दिन सैर अवश्य करनी चाहिए।

ध्यान देने योग्य बातें

  • सैर करते समय जूते आरामदायक हों ताकि तकलीफ न हो।
  • सैर करने के लिए शांत वातावरण और चारों तरफ प्राकृतिक सौंदर्य वाला या खुला स्थान चुनें।
  • सैर करते समय मन में शुद्ध विचार लाएँ और हल्की गहरी साँस लेने की आदत डालें।
  • हमारे शरीर के तापमान को सामान्य रखने के लिए शरीर को अतिरिक्त पानी चाहिए, अतः सैर पर जाने से पहले और पश्चात् एक गिलास पानी अवश्य पिएँ।
  • किसी प्रकार का मानसिक तनाव टहलते समय न रखें।
  • हाथों को टहलते समय नीचे की ओर रखें और बराबर हिलाते रहें, इससे स्फूर्ति मिलती है।
  • हृदय रोग, रक्तचाप या कोई अन्य गंभीर समस्या वाले रोगी टहलना प्रारंभ करने से पहले चिकित्सक की सलाह अवश्य लें।
  • आयु एवं क्षमता के अनुसार प्रत्येक व्यक्ति को सैर करनी चाहिए।
  • सैर करते समय प्रारंभ और अंत में हमेशा गति धीमी रखें।
  • सैर करने के बाद संतुलित आहार की ओर भी ध्यान देना चाहिए।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. सुबह-सुबह सैर के लाभ (हिन्दी) (एच टी एम एल) वेबदुनिया। अभिगमन तिथि: 28 जनवरी, 2011