पहेली 2 फ़रवरी 2017: Difference between revisions
Jump to navigation
Jump to search
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
('{| class="bharattable-green" width="100%" |- | चित्र:Paheli-logo.png|right|100px|link=पहेली {{LOCALDAY}} {{LOCAL...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) |
No edit summary |
||
(One intermediate revision by the same user not shown) | |||
Line 3: | Line 3: | ||
| [[चित्र:Paheli-logo.png|right|100px|link=पहेली {{LOCALDAY}} {{LOCALMONTHNAME}} {{LOCALYEAR}}]] | | [[चित्र:Paheli-logo.png|right|100px|link=पहेली {{LOCALDAY}} {{LOCALMONTHNAME}} {{LOCALYEAR}}]] | ||
<quiz display=simple> | <quiz display=simple> | ||
{किस क्रांतिकारी लेखक को " | {किस क्रांतिकारी लेखक को "बंगाल का तिलक" कहा गया है? | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
+[[सखाराम गणेश देउसकर]] | +[[सखाराम गणेश देउसकर]] | ||
Line 9: | Line 9: | ||
-[[सुरेंद्रनाथ बैनर्जी]] | -[[सुरेंद्रनाथ बैनर्जी]] | ||
-[[बारीन्द्र कुमार घोष]] | -[[बारीन्द्र कुमार घोष]] | ||
||'सखाराम गणेश देउसकर' क्रांतिकारी लेखक, [[इतिहासकार]] तथा पत्रकार थे। ये भारतीय जनजागरण के ऐसे विचारक थे, जिनके चिंतन और लेखन में स्थानीयता और अखिल भारतीयता का अद्भुत संगम था। [[सखाराम गणेश देउसकर]] [[बाल गंगाधर तिलक|लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक]] के पक्के अनुयायी थे और [[बंगाल]] में जनजागृति लाने के कारण ये '''बंगाल के तिलक''' कहलाते थे। [[हिन्दी]] के प्रचार के लिए भी ये निरंतर प्रयत्नशील रहे। सखाराम गणेश देउसकर [[संस्कृत]], [[मराठी भाषा|मराठी]] और हिन्दी भाषा के अच्छे ज्ञाता थे। [[बांग्ला भाषा]] के प्रसिद्ध पत्र 'हितवादी' का ये संपादन करते थे। इनकी प्रेरणा से इस पत्र का 'हितवार्ता' के नाम से हिन्दी संस्करण भी निकला, जिसका संपादन पं. बाबूराव विष्णु पराड़कर ने किया।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[सखाराम गणेश देउसकर]] | ||[[चित्र:Sakharam-Ganesh-Deuskar.png|100px|right|border|सखाराम गणेश देउसकर]]'सखाराम गणेश देउसकर' क्रांतिकारी लेखक, [[इतिहासकार]] तथा पत्रकार थे। ये भारतीय जनजागरण के ऐसे विचारक थे, जिनके चिंतन और लेखन में स्थानीयता और अखिल भारतीयता का अद्भुत संगम था। [[सखाराम गणेश देउसकर]] [[बाल गंगाधर तिलक|लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक]] के पक्के अनुयायी थे और [[बंगाल]] में जनजागृति लाने के कारण ये '''बंगाल के तिलक''' कहलाते थे। [[हिन्दी]] के प्रचार के लिए भी ये निरंतर प्रयत्नशील रहे। सखाराम गणेश देउसकर [[संस्कृत]], [[मराठी भाषा|मराठी]] और हिन्दी भाषा के अच्छे ज्ञाता थे। [[बांग्ला भाषा]] के प्रसिद्ध पत्र 'हितवादी' का ये संपादन करते थे। इनकी प्रेरणा से इस पत्र का 'हितवार्ता' के नाम से हिन्दी संस्करण भी निकला, जिसका संपादन पं. बाबूराव विष्णु पराड़कर ने किया।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[सखाराम गणेश देउसकर]] | ||
</quiz> | </quiz> | ||
Latest revision as of 10:25, 9 January 2017
right|100px|link=पहेली 19 May 2025
सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी
राज्यों के सामान्य ज्ञान
|