यशवंत राव राने: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
(''''यशवंत राव राने''' का जन्म 15 जनवरी, 1918 को गोवा के स...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
m (Text replacement - "पुर्तगाल" to "पुर्तग़ाल")
 
(One intermediate revision by one other user not shown)
Line 1: Line 1:
'''यशवंत राव राने''' का जन्म [[15 जनवरी]], [[1918]] को [[गोवा]] के सियोलिम ग्राम में हुआ था।
'''यशवंत राव राने''' ने [[गोवा]] को [[पुर्तग़ाल]] के शासन से मुक्त करने के लिए एक सेना का निर्माण किया पुर्तग़ाल सेना के साथ कई बार युद्ध किया था।  


*यशवंत राव राने संगठन शक्ति बहुत अच्छी थी। उनके कथन का लोगों पर शीघ्र प्रभाव पड़ता था। उन्होंने अपनी वाणी और व्यक्तित्त्व के प्रभाव से पुर्तग़ाली सेना में विद्रोह भी करा दिया।


*पुर्तगाली पुलिस की दृष्टि में यशवंत अग्रवाडेकर इतने खतरनाक क्रांतिकारी थे कि उनकी गिरफ्तारी के लिए पुर्तगाल सरकार ने पाँच हजार रूपए का पुरस्कार घोषित किया था। उन्होंने कई मुठभेड़ों में पुलिस को भारी जनहानि पहुँचाई थी। वह गोमांतक दल के बहुत उग्र क्रांतिकारी थे।
*आखिर यशवंत राव राने सन [[1912]] में पकड़े गए और आजीवन कारावास की दंड देकर अफ्रीका भेजा दिए गए। अफ्रीका की जेल में ही उनकी मृत्यु हो गई।<ref>{{cite web |url=http://www.kranti1857.org/goa%20krantikari.php#yashvant |title=यशवंत राव राने|accessmonthday=23 फरवरी|accessyear=2017 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=क्रांति 1857|language= हिंदी}}</ref>
 
*आखिर [[17 दिसंबर]], [[1958]] को अनजुना जंगल में यशवंत की मुठभेड़ एक बहुत बड़े पुलिस दल से हो गई और उस युद्ध में उन्होंने वीरगति प्राप्त कर ली।<ref>{{cite web |url=http://www.kranti1857.org/goa%20krantikari.php#Y%20rav%20rane |title=यशवंत राव राने|accessmonthday=23 फरवरी|accessyear=2017 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=क्रांति 1857|language= हिंदी}}</ref>





Latest revision as of 14:31, 7 July 2017

यशवंत राव राने ने गोवा को पुर्तग़ाल के शासन से मुक्त करने के लिए एक सेना का निर्माण किया पुर्तग़ाल सेना के साथ कई बार युद्ध किया था।

  • यशवंत राव राने संगठन शक्ति बहुत अच्छी थी। उनके कथन का लोगों पर शीघ्र प्रभाव पड़ता था। उन्होंने अपनी वाणी और व्यक्तित्त्व के प्रभाव से पुर्तग़ाली सेना में विद्रोह भी करा दिया।
  • आखिर यशवंत राव राने सन 1912 में पकड़े गए और आजीवन कारावास की दंड देकर अफ्रीका भेजा दिए गए। अफ्रीका की जेल में ही उनकी मृत्यु हो गई।[1]



पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. यशवंत राव राने (हिंदी) क्रांति 1857। अभिगमन तिथि: 23 फरवरी, 2017।

संबंधित लेख

  1. REDIRECTसाँचा:स्वतन्त्रता सेनानी