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भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
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{निम्नलिखित विचारकों में से कौन एक राज्य के यांत्रिक स्वरूप की अवधारणा का समर्थक नहीं है। (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-12,प्रश्न-47
{[[भारतीय संविधान]] को निम्नलिखित में से कौन-सी अनुसूची राज्यसभा में स्थानों के आवंटन से संबंधित है?
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-हॉब्स
-[[भारत का संविधान- तीसरी अनुसूची |तीसरी अनुसूची]]
-मिल
+[[भारत का संविधान- चौथी अनुसूची|चौथी अनुसूची]]
-बेंथम
-[[भारत का संविधान- पांचवीं अनुसूची|पांचवीं अनुसूची]]
+ग्रीन
-[[भारत का संविधान- छठी अनुसूची|छठीं अनुसूची]]
||ग्रीन एक आदर्शवादी विचारक है जो राज्य को एक सर्वोच्च नैतिक संस्था मानता है जबकि बेंथम, मिल, हॉब्स राज्य मानव-निर्मित यंत्र माना है, जिसका निर्माण व संचालन मानव ने अपने कल्याण के लिए किया है।
||[[भारतीय संविधान]] की चौथी अनुसूची [[राज्य सभा]] में स्थानों के आवंटन से संबंधित है।




{"पचास वर्षों के मतभेद एवं एक दशक की अनिश्चितता के बाद दो पुराने शत्रु अब साझेदार होता हैं। यह किसने कहा था? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-73,प्रश्न-55
{'पैकेज डील' का संबंध है: (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-121,प्रश्न-25
|type="()"}
|type="()"}
-बिल क्लिंटन
-[[भारत]]-[[चीन]] वार्ता से
-लॉर्ड रॉबर्टसन
-[[भारत]]-[[पाक]] वार्ता से
+जॉर्ज डब्ल्यू. बुश
+[[संयुक्त राष्ट्र संघ]] की सदस्यता से
-मिखाइल गोर्बाचोव
-कॉमनवेल्थ की सदस्यता से
||उपरोक्त कथन जॉर्ज डब्ल्यू. बुश का है जिसे उन्होंने वर्ष [[2002]] में नाटो संगठन के रोम ([[इटली]]) सम्मेलन में कहा था। इस सम्मेलन में एक नाटो रूस संयुक्त परिषद का निर्माण किया गया जो रूस एवं नाटो के मध्य संयुक्त परियोजनाओं तथा मुद्दों को क्रियाविंत करने का प्रमुख राजनायिक उपकरण है। इस सम्मेलन में जॉर्ज बुश ने कहा था कि "पचास वर्षों के मतभेद एवं एक दशक की अनिश्चितता के बाद दी पुराने शत्रु अब साझेदार बन गए हैं।" ज्ञातव्य है कि नाटो एक सैन्य गठबंधन है जिसकी स्थापना [[1949]] में हुई थी।
||पैकेज डील का संबंध संयुक्त राष्ट्र की सदस्यता से था।


{स्वतंत्रता का अधिकार एक- (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-87,प्रश्न-22
|type="()"}
-नैतिक अधिकार है
-राजनीतिक अधिकार है
+नागरिक अधिकार है
-प्राकृतिक अधिकार है
||स्वतंत्रता का अधिकार एक 'नागरिक अधिकार' (Civil Rights) है। स्वतंत्रता के अधिकार के बिना व्यक्ति के व्यक्तित्व एवं समाज का विकास संभव नहीं है। लास्की के अनुसार, "स्वतंत्रता से तात्पर्य एवं समाज का विकास संभव नहीं है। लास्की के अनुसार, "स्वतंत्रता से तात्पर्य उस शक्ति से होता है जिसके द्वारा व्यक्ति अपनी इच्छानुसार अपने तरीके से बिना किसी बाहरी  बंधन के अपनी जीवन का विकास कर सके।" नागरिक अधिकारों में स्वतंत्रता के साथ-साथ जीवन का अधिकार, राजनीतिक समानता का अधिकार, समाजिक समानता का अधिकार एवं आर्थिक समानता का अधिकार समाहित है।
{बहुलवाद का समर्थन निम्न में से किस विचारक ने किया? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-74,प्रश्न-65
|type="()"}
-प्लेटो
+लास्की
-मार्क्स
-गार्नर
||संप्रभुता की अद्वैतवादिता की धारणा के विरुद्ध जिस विचारधारा का उदय हुआ, उसे हम 'राजनीतिक बहुलवाद' या 'बहुसमुदायवाद' कहते हैं। बहुलवाद का मत है कि सत्ता का केवल एक ही स्त्रोत नहीं है, यह विभिन्न क्षेत्रों में विभाजनीय है और इसे विभाजित किया जाना चाहिए। गियर्क, मैटलैण्ड, फिगिस, डिग्विट, क्रैब, जी.डी.एच. कोल तथा हेराल्ड लास्की बहुलवाद के प्रमुख विचारक हैं।


{[[भारत]] के [[उपराष्ट्रपति]] का कार्यकाल कितने वर्ष का है? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-145,प्रश्न-52
|type="()"}
-3
-4
+5
-6
||[[संविधान]] के अनुच्छेद 63 के अनुसार, भारत का एक [[उपराष्ट्रपति]] होगा। संविधान में उपराष्ट्रपति पद के लिए किसी विशेष कार्य का उपबंध नहीं है। उपराष्ट्रपति राज्य सभा का पदेन सभापति होता है तथा राज्य सभा के सभापति के देय वेतन और भत्ते का हकदार होता है। उपराष्ट्रपति अपने पद ग्रहण करने की तारीख से 5 वर्ष तक पद धारण करेगा (अनुच्छेद-67)।


{राष्ट्रीय पार्टी की श्रेणी प्राप्त करने के लिए किसी भारतीय राजनीतिक पार्टी को कम-से-कम कितने राज्य से मतों के आधार पर मान्यता प्राप्त करना आवश्यक है- (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-155,प्रश्न-111
{सर आइवर जेनिंग्स द्वारा लिखित पुस्तक कौन नहीं है? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-205,प्रश्न-34
|type="()"}
-तीन
+चार
-पांच
-छ:
||किसी राजनीतिक पार्टी  को राष्ट्रीय पार्टी के रूप में [[निर्वाचन आयोग]] द्वारा तभी स्वीकृत प्रदान की जाती है, जबकि निम्नलिखित तीन शर्तों में से कोई एक पूरी होती हो-
(i)उस राजनीतिक पार्टी द्वारा खड़े किए गए प्रत्याशियों को किन्हीं चार या अधिक राज्यों में गत [[लोक सभा]] चुनावों या उन राज्यों के [[विधान सभा]] चुनावों में पड़े कुल वैध मतों का कम से कम 6 प्रतिशत मत और साथ ही कम से कम चार लोक सभा सीटें प्राप्त हों।
(i)उस पार्टी को लोक सभा की कुल सदस्य संख्या की कम से कम 2 प्रतिशत सीटें प्राप्त हों तथा ये सदस्य कम से कम 3 राज्यों से चुने गए हों।
(iii)वह पार्टी कम से कम 4 राज्यों में राज्य स्तरीय दल की मान्यता प्राप्त हो।
 
 
{1835 के  अपने भाषण में किसने 'समाजवाद' शब्द का बार-बार प्रयोग किया? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-61,प्रश्न-60
|type="()"}
+रॉबर्ट ओवन
-फोरियर
-बर्नार्ड शॉ
-मार्क्स
||वर्तमान में समाजवाद सबसे लोकप्रिय शब्द है। प्रारंभ में इस शब्द का प्रयोग व्यक्तिवादी और उदारवादी विचारों के विरुद्ध भावों को प्रदर्शित करने के लिए किया गया। [[1875]] में राबर्ट ओवन की अध्यक्षता में स्थापित 'सब राष्ट्रों के सब वर्गों के समुदाय' में समाजवाद और समाजवादी शब्द का बहुधा प्रयोग किया गया। ज्ञातव्य है कि राबर्ट ओवन ब्रिटिश समाजवाद के संस्थापकों में प्रमुख है जिसने  प्रथम बार समाजवाद शब्द का प्रयोग किया। ओवन के विचार उनकी पुस्तकों 'A New View of Sociey' तथा 'The Book of the New Moral Warld' में देखें जा सकते हैं।
 
 
{"तटस्थता राज्यों की वह अवस्था है जिसमें युद्ध के समय वे इस संघर्ष में भाग नहीं लेते और दोनों युद्धरत पक्षों से अपना शांतिपूर्ण संपर्क बनाए रखते हैं।" यह कथन निम्नांकित में से किसका है-(नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-76,प्रश्न-76
|type="()"}
-लास्की
-प्लेटो
-अरस्तू
+लॉरेंस
||लॉरेंस के अनुसार, "तटस्थता राज्यों की वह अवस्था है जिसमें युद्ध के समय वे इस संघर्ष में भाग नहीं लेते और दोनों युद्धरत पक्षों से अपना शांतिपूर्ण संपर्क बनाए रखते हैं"। अंतर्राष्ट्रीय कानून में तटस्थता (Neutrality) एक ऐसी अवधारणा है जिसका संबंध केवल युद्ध की अवस्था से है।
{निम्न में से किस लेखक के अनुसार शक्ति बंदूक की नली से निकलती है? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-56,प्रश्न-34
|type="()"}
|type="()"}
-लेनिन
-सम कैरेक्टरस्टिक्स ऑफ़ दि इंडियन कांस्टीट्यूशन
-ओपेनहीमर
-दी लॉ एंड दी कांस्टीट्यूशन
-स्टालिन
+माडर्न कांस्टीट्यूशन
+माओत्से तुंग
-कैबिनेट गवर्नमेंट
||'मॉडर्न कांस्टीट्यूशन' नामक पुस्तक के.सी. व्हीयर द्वारा लिखी गई है। शेष पुस्तकों को सर आइवर जेनिंग्स द्वारा लिखा गया है।


{यदि राज्य सभा किसी संविधान संशोधन विधेयक पर लोक सभा से असहमत हो तो ऐसी स्थिति में-(नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-141,प्रश्न-25
{"साम्यवादियों की कोई पितृभूमि नहीं होती है।" कथन किसका है? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-59,प्रश्न-46
|type="()"}
|type="()"}
-कार्ल मार्क्स
+संशोधन विधेयक पारित नहीं माना जाता
+लेनिन
-दोनों सदनों की संयुक्त बैठक द्वारा इसका निर्णय होगा
-स्टालिन
-लोक सभा द्वारा दो-तिहाई बहुमत से यह विधेयक पारित कर दिया जाएगा
-माओत्सेतुंग
-लोक सभा राज्य सभा के मत को अस्वीकृत कर देगी
||"साम्यवादियों की कोई पितृभूमि नहीं होती है।" यह कथन रूसी क्रांति के जनक ब्लादिमीर लेनिन का है। लेनिन ने यह कथन कार्ल मार्क्स के ऊपर लिखे एक निबंध में कहा था। इसके पहले कार्ल मार्क्स ने भी अपनी प्रसिद्ध रचना "कम्युनिस्ट मैनीफेस्टो" (साम्यवादी पार्टी का घोषणापत्र) में लिखा है कि 'मजदूरों का कोई देश नहीं होता" (Working men have no country)|
||संविधान संशोधन विधेयक संसद के दोनों सदनों द्वारा अलग-अलग विशेष बहुमत से स्वीकृत किया जाना आवश्यक है। दोनों सदनों में असहमति की स्थिति में विधेयक अंतिम रूप से समाप्त हो जाएगा क्योंकि संविधान संशोधन के प्रस्ताव पर विचार करने के लिए संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक की संविधान में कोई व्यवस्था नहीं हैं।
अन्य महत्त्वपूर्ण तथ्य
.लेनिन का कथन है कि "राजनीतिक स्वतंत्रता की कोई भी मात्रा भूखी जनता को संतुष्ट नहीं कर सकती"।
.लेनिन ने कहा था कि "क्रांन्ति बिना क्रांतिकारी परिस्थितियों के संभव नहीं और साथ ही साथ सभी क्रांतिकारी परिस्थितियों से क्रांन्ति नहीं होती।"
मार्क्स के कुछ कथन निम्नलिखित हैं-
.मार्क्स का कथन है, "इतिहास खुद को दोहराता है, पहले एक त्रासदी की तरह, दूसरे एक मजाक की तरह। तथा
."दुनिया के मजदूरों एक हो जाओ, तुम्हारे पास खोने को कुछ नहीं है, सिवाय अपना जंजीरों के।"
.पिछले सभी समाजों का इतिहास वर्ग संघर्ष का इतिहास रहा है।
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Latest revision as of 12:56, 17 March 2018

1 भारतीय संविधान को निम्नलिखित में से कौन-सी अनुसूची राज्यसभा में स्थानों के आवंटन से संबंधित है?

तीसरी अनुसूची
चौथी अनुसूची
पांचवीं अनुसूची
छठीं अनुसूची

2 'पैकेज डील' का संबंध है: (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-121,प्रश्न-25

भारत-चीन वार्ता से
भारत-पाक वार्ता से
संयुक्त राष्ट्र संघ की सदस्यता से
कॉमनवेल्थ की सदस्यता से

3 सर आइवर जेनिंग्स द्वारा लिखित पुस्तक कौन नहीं है? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-205,प्रश्न-34

सम कैरेक्टरस्टिक्स ऑफ़ दि इंडियन कांस्टीट्यूशन
दी लॉ एंड दी कांस्टीट्यूशन
माडर्न कांस्टीट्यूशन
कैबिनेट गवर्नमेंट

4 यदि राज्य सभा किसी संविधान संशोधन विधेयक पर लोक सभा से असहमत हो तो ऐसी स्थिति में-(नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-141,प्रश्न-25

संशोधन विधेयक पारित नहीं माना जाता
दोनों सदनों की संयुक्त बैठक द्वारा इसका निर्णय होगा
लोक सभा द्वारा दो-तिहाई बहुमत से यह विधेयक पारित कर दिया जाएगा
लोक सभा राज्य सभा के मत को अस्वीकृत कर देगी