भारतकोश:Quotations/मंगलवार: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
(Bharatkosh:Quotations/मंगलवार का नाम बदलकर भारतकोश:Quotations/मंगलवार कर दिया गया है)
 
No edit summary
 
(7 intermediate revisions by 3 users not shown)
Line 1: Line 1:
#REDIRECT [[भारतकोश:Quotations/मंगलवार]]
*महानता अहंकार रहित होती है, तुच्छता अहंकार की सीमा पर पहुँच जाती है। -तिरुवल्लुवर (तिरुक्कुरल, 969)
*यह मनुष्य अन्तकाल में जिस-जिस भी भाव को स्मरण करता हुआ शरीर को त्याग करता है, वह उस-उस को ही प्राप्त होता हैं; क्योंकि वह सदा उसी भाव से भावित रहा है । - [[गीता|श्रीमद्भागवत गीता]] [[सूक्ति और कहावत|.... और पढ़ें]]

Latest revision as of 06:13, 14 July 2011

  • महानता अहंकार रहित होती है, तुच्छता अहंकार की सीमा पर पहुँच जाती है। -तिरुवल्लुवर (तिरुक्कुरल, 969)
  • यह मनुष्य अन्तकाल में जिस-जिस भी भाव को स्मरण करता हुआ शरीर को त्याग करता है, वह उस-उस को ही प्राप्त होता हैं; क्योंकि वह सदा उसी भाव से भावित रहा है । - श्रीमद्भागवत गीता .... और पढ़ें