इब्राहीम ख़ाँ: Difference between revisions
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Revision as of 13:05, 16 March 2011
- इब्राहीम ख़ाँ 1689-97 ई. में बंगाल का मुग़ल सूबेदार था।
- वह शान्त स्वभाव का बूढ़ा आदमी था और अंग्रेज़ों के प्रति मित्रता का भाव रखता था।
- उसके पहले के सूबेदार शाइस्ता ख़ाँ ने अंग्रेज़ों को बंगाल से निकाल दिया था।
- इब्राहीम ख़ाँ ने अंग्रेज़ों को वापस बुला लिया और जॉव चारनाक को उस स्थान पर बसने की इजाज़त दे दी, जहाँ बाद में कोलकाता नगर विकसित हुआ।
- इब्राहीम ख़ाँ प्रशासन के कार्यों की बहुत ही ज़्यादा उपेक्षा करता था। इसीलिए मिदनापुर ज़िले के ज़मींदार शोभा सिंह को बग़ावत करने का मौक़ा मिल गया।
- इब्राहीम ख़ाँ ने इस बग़ावत को तत्काल ही नहीं दबाया।
- अंग्रेज़ों, फ़्राँसीसियों और डच लोगों को बंगाल में अपनी बस्तियों की क़िलेबन्दी करने की इजाज़त देकर, ताकि वे शोभा सिंह का मुक़ाबला कर सकें, उसने इस स्थिति को *और भी अधिक शोचनीय बना दिया।
- इब्राहीम ख़ाँ की इन ग़लतियों से बादशाह औरंगज़ेब नाख़ुश हो गया और उसने 1697 ई. में उसे बंगाल की सूबेदारी से हटा दिया।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ