विसर्जन (श्राद्ध): Difference between revisions
Jump to navigation
Jump to search
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
व्यवस्थापन (talk | contribs) m (Text replace - "{{लेख प्रगति" to "{{प्रचार}} {{लेख प्रगति") |
व्यवस्थापन (talk | contribs) m (Text replace - "ते है," to "ते हैं,") |
||
Line 1: | Line 1: | ||
{{tocright}} | {{tocright}} | ||
विसर्जन में तीन प्रकार के विसर्जन किये जाते | विसर्जन में तीन प्रकार के विसर्जन किये जाते हैं, जिनके नाम इस प्रकार है:- | ||
*पिण्ड विसर्जन, | *पिण्ड विसर्जन, | ||
*पितृ विसर्जन, | *पितृ विसर्जन, |
Revision as of 08:58, 20 February 2011
विसर्जन में तीन प्रकार के विसर्जन किये जाते हैं, जिनके नाम इस प्रकार है:-
- पिण्ड विसर्जन,
- पितृ विसर्जन,
- देव विसर्जन।
पिण्ड विसजर्न
नीचे लिखे मन्त्र के साथ पिण्डों पर जल सिञ्चित करें।
ॐ देवा गातुविदोगातुं, वित्त्वा गातुमित।
मनसस्पत ऽ इमं देव, यज्ञ स्वाहा वाते धाः॥[1]
पितृ विसजर्न
पितरों का विसजर्न तिलाक्षत छोड़ते हुए करें।
ॐ यान्तु पितृगणाः सवेर्, यतः स्थानादुपागताः।
सवेर् ते हृष्टमनसः, सवार्न् कामान् ददन्तु मे॥
ये लोकाः दानशीलानां, ये लोकाः पुण्यकमर्णाम्।
सम्पूणार्न् सवर्भोगैस्तु, तान् व्रजध्वं सुपुष्कलान्॥
इहास्माकं शिवं शान्तिः, आयुरारोगयसम्पदः।
वृद्धिः सन्तानवगर्स्य, जायतामुत्तरोत्तरा॥
देव विसजर्न
अन्त में पुष्पाक्षत छोड़ते हुए देव विसजर्न करें।
ॐ यान्तु देवगणाः सवेर्, पूजामादाय मामकीम्।
इष्ट कामसमृद्ध्यथरं, पुनरागमनाय च॥
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ -8.21