हिन्दी संस्थान मैसूर: Difference between revisions

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मैसूर केंद्र की स्थापना वर्ष 1988 में हुई। केंद्र का प्रमुख कार्य हिन्दी का शिक्षण-प्रशिक्षण एवं हिन्दी का प्रचार-प्रसार करना है। मैसूर केंद्र हिन्दी के शिक्षण-प्रशिक्षण के अंतर्गत, प्राइमरी, हाईस्कूल, इण्टरमीडिएट के हिन्दी शिक्षकों के लिए हिन्दी शिक्षण की आधुनिक तकनीकों का व्यावहारिक ज्ञान कराने के लिए 3-4 सप्ताह के लघुअवधीय नवीकरण पाठ्यक्रमों का आयोजन तथा विश्वविद्यालय और महाविद्यालय के हिन्दी अध्यापकों के लिए 2 सप्ताह के प्रयोजनमूलक पाठ्यक्रमों का संचालन करता है। केंद्र द्वारा प्रचार-प्रसार के अंतर्गत सरकारी अधिकारियों, अनुवादकों और वैज्ञानिकों के लिए 1 सप्ताह के राजभाषा, अनुवाद एवं तकनीकी पाठ्यक्रम भी चलाए जाते हैं। केंद्र का कार्यक्षेत्र पहले केवल कर्नाटक राज्य था। 1992 से इसके कार्यक्षेत्र में कर्नाटक राज्य के साथ केरल और केंद्र शासित प्रदेश लक्षद्वीप भी शामिल कर दिए गए है।

स्थापना

मैसूर केंद्र की स्थापना वर्ष 1988 में हुई थी।

उद्देश्य

राज्य में सेवारत हिन्दी शिक्षकों के लिए लघुअवधीय नवीकरण कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इन नवीकरण कार्यक्रमों के माध्यम से शिक्षकों को भाषाशिक्षण की नवीन प्रविधियों से परिचित कराया जाता है तथा मानक हिन्दी के प्रयोग के प्रति उनमें सतत जागरूकता बनाये रखने का प्रयास किया जाता है।

संपर्क स्थल

केंद्रीय हिन्दी संस्थान, मैसूर केंद्र,
वायु सेना चयन समिति के समीप,
मैसूर मिल्क डेयरी के पीछे,
सिद्धार्थ नगर, मैसूर-570011(कर्नाटक)
दूरभाष: 0821-2543252
फैक्स: 0821-2543252



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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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