धौलपुर: Difference between revisions
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*मूल रूप से यह नगर ग्याहरवीं शताब्दी में राजा धोलन देव ने बसाया था। पहले इसका नाम धवलपुर था, अपभ्रंश होकर इसका नाम धौलपुर में बदल गया। वर्तमान नगर मूल नगर के उत्तर में बसा है। चंबल नदी की बाढ़ से बचने के लिये ऐसा किया गया। पहले धौलपुर सामंती राज्य का हिस्सा था, जो 1949 में राजस्थान प्रदेश का हिस्सा बन गया। | *मूल रूप से यह नगर ग्याहरवीं शताब्दी में राजा धोलन देव ने बसाया था। पहले इसका नाम धवलपुर था, अपभ्रंश होकर इसका नाम धौलपुर में बदल गया। वर्तमान नगर मूल नगर के उत्तर में बसा है। चंबल नदी की बाढ़ से बचने के लिये ऐसा किया गया। पहले धौलपुर सामंती राज्य का हिस्सा था, जो 1949 में राजस्थान प्रदेश का हिस्सा बन गया। | ||
*धवल दे्व शासन के बाद इस शहर का निर्माण किया गया। इस शहर का निर्माण होने के बाद इस जगह को धौलपुर के नाम से जाना जाने लगा। | *धवल दे्व शासन के बाद इस शहर का निर्माण किया गया। इस शहर का निर्माण होने के बाद इस जगह को धौलपुर के नाम से जाना जाने लगा। | ||
*846 ईसवीं में | *846 ईसवीं में यहाँ चौहान राजवंश्ा ने शासन किया था। धौलपुर विशेष रूप से बलुआ पत्थर के लिए जाना जाता है। | ||
* | *यहाँ बनाई जाने वाली अधिकतर इमारतों का निर्माण इन बलुआ पत्थरों से ही किया जाता है। | ||
*धौलपुर में कई मंदिर, किले, झील और महल है जहाँ घूमा जा सकता है। | *धौलपुर में कई मंदिर, किले, झील और महल है जहाँ घूमा जा सकता है। | ||
*मचकुंद झील के चारों ओर अनेक मंदिर हैं और इसके तट पर वार्षिक धार्मिक मेले लगते हैं। | *मचकुंद झील के चारों ओर अनेक मंदिर हैं और इसके तट पर वार्षिक धार्मिक मेले लगते हैं। | ||
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*इस नगर में रेलवे कार्यशाला तथा उद्योगों में हथकरघा-गलीचा बुनाई व कांच का सामान बनाने की इकाइयां शामिल हैं। | *इस नगर में रेलवे कार्यशाला तथा उद्योगों में हथकरघा-गलीचा बुनाई व कांच का सामान बनाने की इकाइयां शामिल हैं। | ||
*धौलपुर में एक अस्पताल और एक महाविद्यालय है। | *धौलपुर में एक अस्पताल और एक महाविद्यालय है। | ||
* | * यहाँ पशुओं और घोड़ों का वार्षिक मेला भी लगता है। | ||
*2001 की जन गणना के अनुसार नगर की जनसंख्या 92,137 और धौलपुर ज़िले की कुल जनसंख्या 9,82,815 है। | *2001 की जन गणना के अनुसार नगर की जनसंख्या 92,137 और धौलपुर ज़िले की कुल जनसंख्या 9,82,815 है। | ||
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धौलपुर / Dhaulpur
- पश्चिमोत्तर भारत के राजस्थान राज्य का पूर्वी नगर धौलपुर एक छोटा सा शहर है। यह धौलपुर ज़िले में आता है।
- यह चंबल नदी के ठीक उत्तर में स्थित है।
- मूल रूप से यह नगर ग्याहरवीं शताब्दी में राजा धोलन देव ने बसाया था। पहले इसका नाम धवलपुर था, अपभ्रंश होकर इसका नाम धौलपुर में बदल गया। वर्तमान नगर मूल नगर के उत्तर में बसा है। चंबल नदी की बाढ़ से बचने के लिये ऐसा किया गया। पहले धौलपुर सामंती राज्य का हिस्सा था, जो 1949 में राजस्थान प्रदेश का हिस्सा बन गया।
- धवल दे्व शासन के बाद इस शहर का निर्माण किया गया। इस शहर का निर्माण होने के बाद इस जगह को धौलपुर के नाम से जाना जाने लगा।
- 846 ईसवीं में यहाँ चौहान राजवंश्ा ने शासन किया था। धौलपुर विशेष रूप से बलुआ पत्थर के लिए जाना जाता है।
- यहाँ बनाई जाने वाली अधिकतर इमारतों का निर्माण इन बलुआ पत्थरों से ही किया जाता है।
- धौलपुर में कई मंदिर, किले, झील और महल है जहाँ घूमा जा सकता है।
- मचकुंद झील के चारों ओर अनेक मंदिर हैं और इसके तट पर वार्षिक धार्मिक मेले लगते हैं।
- कृषि उपज वितरण का प्रमुख केंद्र धौलपुर उत्तर में आगरा व दिल्ली तथा दक्षिण में ग्वालियर से ग्रैंड ट्रंक रोड द्वारा जुड़ा है।
- इस नगर में रेलवे कार्यशाला तथा उद्योगों में हथकरघा-गलीचा बुनाई व कांच का सामान बनाने की इकाइयां शामिल हैं।
- धौलपुर में एक अस्पताल और एक महाविद्यालय है।
- यहाँ पशुओं और घोड़ों का वार्षिक मेला भी लगता है।
- 2001 की जन गणना के अनुसार नगर की जनसंख्या 92,137 और धौलपुर ज़िले की कुल जनसंख्या 9,82,815 है।