कृष्णदास कविराज: Difference between revisions
Jump to navigation
Jump to search
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
('*चैतन्य साहित्यमाला में अति प्रख्यात ग्रन्थ 'चैतन्य...' के साथ नया पन्ना बनाया) |
No edit summary |
||
Line 1: | Line 1: | ||
*चैतन्य साहित्यमाला में अति प्रख्यात ग्रन्थ 'चैतन्यचरितामृत' की रचना कृष्णदास कविराज ने [[वृन्दावन]] के समीप [[ | *चैतन्य साहित्यमाला में अति प्रख्यात ग्रन्थ 'चैतन्यचरितामृत' की रचना कृष्णदास कविराज ने [[वृन्दावन]] के समीप [[राधाकुण्ड गोवर्धन|राधाकुंड]] में सात वर्ष के अनवरत परिश्रम से 1582 ई. में पूरी की। | ||
*इसमें सम्प्रदाय के नेता [[चैतन्य महाप्रभु|कृष्णचैतन्य]] का सम्पूर्ण जीवन बड़ी अच्छी शैली में वर्णित है। | *इसमें सम्प्रदाय के नेता [[चैतन्य महाप्रभु|कृष्णचैतन्य]] का सम्पूर्ण जीवन बड़ी अच्छी शैली में वर्णित है। | ||
*दिनेशचन्द्र सेन के शब्दों में [[बांग्ला भाषा]] में रचित यह ग्रन्थ चैतन्य तथा उनके अनुयायियों की शिक्षाओं को प्रस्तुत करने वाला सर्वश्रेष्ठ ग्रन्थ है। | *दिनेशचन्द्र सेन के शब्दों में [[बांग्ला भाषा]] में रचित यह ग्रन्थ चैतन्य तथा उनके अनुयायियों की शिक्षाओं को प्रस्तुत करने वाला सर्वश्रेष्ठ ग्रन्थ है। |
Revision as of 08:00, 3 March 2011
- चैतन्य साहित्यमाला में अति प्रख्यात ग्रन्थ 'चैतन्यचरितामृत' की रचना कृष्णदास कविराज ने वृन्दावन के समीप राधाकुंड में सात वर्ष के अनवरत परिश्रम से 1582 ई. में पूरी की।
- इसमें सम्प्रदाय के नेता कृष्णचैतन्य का सम्पूर्ण जीवन बड़ी अच्छी शैली में वर्णित है।
- दिनेशचन्द्र सेन के शब्दों में बांग्ला भाषा में रचित यह ग्रन्थ चैतन्य तथा उनके अनुयायियों की शिक्षाओं को प्रस्तुत करने वाला सर्वश्रेष्ठ ग्रन्थ है।
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ