File:Zardozi-Work-1.jpg: Difference between revisions
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Revision as of 12:32, 2 May 2011
विवरण (Description) | ज़री का काम करते कलाकार |
स्रोत (Source) | Crafts of Lucknow |
अन्य विवरण | भारतीय किमखाब और पर्शियन सुनहले तारों तथा रेशम के वस्त्र को भी लोग ज़री कहते हैं, किंतु वस्तुत: ये ज़री नहीं हैं, क्योंकि इन वस्त्रों में ज़रीवाली सजावट नहीं होती। लगभग तीन सौ वर्ष पूर्व पर्शिया, सीरिया, उत्तरी अफ्रीका तथा दक्षिणी यूरोप में सुनहले तारों का वस्त्र अंशत: ज़री होता था। इंग्लैंड, फ्रांस, रोम, चीन, तथा जापान में ज़री का प्रचलन प्राचीन काल से है। |
File history
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Date/Time | अंगुष्ठ नखाकार (थंबनेल) | Dimensions | User | Comment | |
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current | 12:31, 2 May 2011 | ![]() | 347 × 223 (10 KB) | ऋचा (talk | contribs) |
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