देवसेन: Difference between revisions
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*आचार्य देवसेन ने [[प्राकृत]] में नयचक्र लिखा है। | *आचार्य देवसेन ने [[प्राकृत]] में नयचक्र लिखा है। | ||
*संभव है इसी का उल्लेख आचार्य [[विद्यानन्द]] ने अपने तत्त्वार्थश्लोकवार्तिक<balloon title="तत्त्वार्थश्लोकवार्तिक,पृ0 276" style=color:blue>*</balloon> में किया हो और उससे ही नयों को विशेष जानने की सूचना की हो। | *संभव है इसी का उल्लेख आचार्य [[विद्यानन्द]] ने अपने तत्त्वार्थश्लोकवार्तिक<balloon title="तत्त्वार्थश्लोकवार्तिक,पृ0 276" style=color:blue>*</balloon> में किया हो और उससे ही नयों को विशेष जानने की सूचना की हो। |
Revision as of 10:07, 16 May 2010
आचार्य देवसेन
- आचार्य देवसेन ने प्राकृत में नयचक्र लिखा है।
- संभव है इसी का उल्लेख आचार्य विद्यानन्द ने अपने तत्त्वार्थश्लोकवार्तिक<balloon title="तत्त्वार्थश्लोकवार्तिक,पृ0 276" style=color:blue>*</balloon> में किया हो और उससे ही नयों को विशेष जानने की सूचना की हो।
- इनका अस्तित्व समय वि0 सं0 9वीं शती माना जाता है।
- यह नय-मर्मज्ञ मनीषी थे।