कहावत लोकोक्ति मुहावरे-अ: Difference between revisions
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* अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ सकता। | * अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ सकता। | ||
* अकेला हँसता भला न रोता भला। | * अकेला हँसता भला न रोता भला। | ||
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* अपना मकान कोट (क़िले) समान। | * अपना मकान कोट (क़िले) समान। | ||
* अपना रख पराया चख। | * अपना रख पराया चख। | ||
* अपना लाल गँवाय के दर दर माँगे भीख। | * अपना लाल गँवाय के दर दर माँगे भीख। | ||
* अपना सा मुँह लेकर रह जाना। | * अपना सा मुँह लेकर रह जाना। | ||
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* अपनी करनी पार उतरनी। | * अपनी करनी पार उतरनी। | ||
* अपनी खाल में मस्त रहना। | * अपनी खाल में मस्त रहना। | ||
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* अपनी खिचड़ी अलग पकाना। | * अपनी खिचड़ी अलग पकाना। | ||
* अपनी गरज बावली। | * अपनी गरज बावली। |
Revision as of 12:59, 23 May 2011
कहावत लोकोक्ति मुहावरे वर्णमाला क्रमानुसार खोजें
तो भाखैं यों भड्डरी, उपजै नाज बहूत।।
दास मलूका कह गए सब के दाता राम॥
तुलसी अति नीचे सुखद उंख अन्न असपान।।
चँदा ऊगै दूज को सुख से नरा अघाहि।।
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क्वार जोतो घर का बैल, तब ऊंचे उनहारे।।
चन्दा निकले बादर फोड़। साढ़े तीन मास वर्षा का जोग।।
तो भड्डरी जोसी कहैं, होवे परम अनन्द।।
भरनी नासै तृनौ सहूतो।कृतिका बरसै अन्त बहूतो।। |