उपदेशामृत: Difference between revisions
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Revision as of 12:02, 5 July 2011
- 11 श्लोकों के इस ग्रन्थ में भजनशील व्यक्तियों के लिए रूप गोस्वामी के अमूल्य अपदेश है।
- श्रीभक्तिविनोद ठाकुर महाशय ने इसे श्रद्धा भक्ति के पथ के पथिकों के लिए एक आलोक–स्तम्भ के समान जान इस पर पीयूष वर्षिणी टीका लिखी है और इसका 'सुललित त्रिपदी' छन्द में पद्मानुवाद कर इसे सर्वसाधारण के लिए और भी उपयोगी बनाया है।
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