User:गोविन्द राम/अभ्यास पन्ना2: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
No edit summary
No edit summary
Line 8: Line 8:
[[चित्र:Mirza-Ghalib.jpg|right|100px|मिर्ज़ा ग़ालिब|link=ग़ालिब|border]]
[[चित्र:Mirza-Ghalib.jpg|right|100px|मिर्ज़ा ग़ालिब|link=ग़ालिब|border]]
*'''[[मिर्ज़ा ग़ालिब|मिर्ज़ा असदउल्ला बेग़ ख़ान]]''' जिन्हें सारी दुनिया 'मिर्ज़ा ग़ालिब' के नाम से जानती है, उर्दू-फ़ारसी के प्रख्यात कवि रहे हैं।  
*'''[[मिर्ज़ा ग़ालिब|मिर्ज़ा असदउल्ला बेग़ ख़ान]]''' जिन्हें सारी दुनिया 'मिर्ज़ा ग़ालिब' के नाम से जानती है, उर्दू-फ़ारसी के प्रख्यात कवि रहे हैं।  
*मिर्ज़ा ग़ालिब ने [[फ़ारसी भाषा]] में कविता करना प्रारंभ किया था और इसी फ़ारसी कविता पर ही इन्हें सदा अभिमान रहा। परंतु यह देव की कृपा है कि, इनकी प्रसिद्धि, सम्मान तथा सर्वप्रियता का आधार इनकी छोटा-सा [[उर्दू]] का ‘दीवान-ए-ग़ालिब’ ही है। [[ग़ालिब|... और पढ़ें]]
*आर्थिक तंगी ने कभी भी इनका पीछा नहीं छोड़ा था। क़र्ज़ में हमेशा घिरे रहे, लेकिन अपनी शानो-शौक़त में कभी कमी नहीं आने देते थे। इनके सात बच्चों में से एक भी जीवित नहीं रहा। जिस पेंशन के सहारे इन्हें व इनके घर को एक सहारा प्राप्त था, वह भी बन्द कर दी गई थी। [[ग़ालिब|... और पढ़ें]]
----
----
<center>
<center>

Revision as of 08:48, 19 July 2011

एक व्यक्तित्व

right|100px|मिर्ज़ा ग़ालिब|link=ग़ालिब|border

  • मिर्ज़ा असदउल्ला बेग़ ख़ान जिन्हें सारी दुनिया 'मिर्ज़ा ग़ालिब' के नाम से जानती है, उर्दू-फ़ारसी के प्रख्यात कवि रहे हैं।
  • आर्थिक तंगी ने कभी भी इनका पीछा नहीं छोड़ा था। क़र्ज़ में हमेशा घिरे रहे, लेकिन अपनी शानो-शौक़त में कभी कमी नहीं आने देते थे। इनके सात बच्चों में से एक भी जीवित नहीं रहा। जिस पेंशन के सहारे इन्हें व इनके घर को एक सहारा प्राप्त था, वह भी बन्द कर दी गई थी। ... और पढ़ें

पिछले लेख सत्यजित राय · सरोजिनी नायडू