कहावत लोकोक्ति मुहावरे-स: Difference between revisions
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
('{{कहावत लोकोक्ति मुहावरे}} {| class="wikitable" |- !कहावत लोकोक्ति म...' के साथ नया पन्ना बनाया) |
No edit summary |
||
Line 109: | Line 109: | ||
| | | | ||
अर्थ - धुन लग जाना। | अर्थ - धुन लग जाना। | ||
|- | |||
|25- सिर पर सवार रहना। | |||
| | |||
अर्थ - पीछे पड़ना। | |||
|- | |||
|26- सिर मुंड़ाते ओले पड़ना। | |||
| | |||
अर्थ - काम शुरू होते ही बाधा आना। | |||
|- | |||
|27- सींग कटाकर बछड़ों में मिलना। | |||
| | |||
अर्थ - बूढ़े होकर भी बच्चों जैसा काम करना। | |||
|- | |||
|28- सुबह–शाम कटना। | |||
| | |||
अर्थ - टालमटोल करना। | |||
|- | |||
|29- सुई की नोंक के बराबर। | |||
| | |||
अर्थ - ज़रा सा। | |||
|- | |||
|30- सूख कर काँटा होना। | |||
| | |||
अर्थ - बहुत दुर्बल होना। | |||
|- | |||
|31- सूखी धान पर पानी पड़ना। | |||
| | |||
अर्थ - दशा सुधरना। | |||
|- | |||
|32- सूरज को दीपक दिखाना। | |||
| | |||
अर्थ - प्रसिद्ध व्यक्ति का परिचय देना। | |||
|- | |||
|33- सेमल का फूल होना। | |||
| | |||
अर्थ - दिखावटी रूप से, धोखा होना। | |||
|- | |||
|34- सोने की चिडिया हाथ से निकल जाना। | |||
| | |||
अर्थ - लाभदायक वस्तु का खो जाना। | |||
|- | |- | ||
|} | |} |
Revision as of 09:54, 14 May 2010
कहावत लोकोक्ति मुहावरे वर्णमाला क्रमानुसार खोजें
कहावत लोकोक्ति मुहावरे | अर्थ |
---|---|
1- सींग गिरेला जानवर और मनई कोड़, |
अर्थ - गिरे हुए सींग के जानवर तथा आलसी मनुष्य कभी भी अच्छे नहीं होते। दोनों हमेशा बीमारी का घर रहते हैं। |
2- सन के डंठल खेत छिटावै, तिनते लाभ चौगुनो पावै। |
अर्थ - |
3- सौ की जोत पचासै जोतै, ऊँच के बाँधै बारी जो पचास का सौ न तुलै, दव घाघ को गारी। |
अर्थ - यदि रोहिणी में तपे और मूल भी पूरा तपे और जेठ की प्रतिपदा भी तपे तो सातों तरह के अन्न पैदा होते हैं। |
4- सोम सुक्र सुरगुरु दिवस, पौष अमावस होय। घर घर बजे बधावनो, दुखी न दीखै कोय।। |
अर्थ - पूस की अमावस्या को सोमवार, शुक्रवार या बृहस्पतिवार पड़े तो घर घर बधाई बजेगी,कोई दुखी न दिखाई पड़ेगा। |
5- सावन पहिले पाख में, दसमी रोहिनी होय। महंग नाज अरु स्वल्प जल, विरला विलसै कोय।। |
अर्थ - अगर सावन कृष्ण पक्ष में दशमी तिथि को रोहिणी नक्षत्र हो तो समझ लेना चाहिए कि अनाज महंगा होगा और वर्षा कम होगी, कम लोग ही सुखी रहेगें। |
6- सावन सुक्ला सप्तमी, जो गरजै अधिरात। बरसै तो झुरा परै, नाहीं समौ सुकाल।। |
अर्थ - अगर सावन माह की सप्तमी को आधी रात के समय बादल गरजें और पानी बरसें तो झुरा पड़ेगा; न बरसे तो समय अच्छा बीतेगा। |
7- साझे की हाँड़ी चौराहे फूटी। |
अर्थ - जिम्मेदारी एक ही व्यक्ति की होनी चाहिए नहीं तो काम खराब हो जाता है। |
8- संसार से उठना / विदा होना। |
अर्थ - मर जाना। |
9- सफेद झूठ। |
अर्थ - बिलकुल झूठ। |
10- सब्ज़बाग़ दिखाना। |
अर्थ - अच्छी बातें कह कर बहकाना। |
11- साँचे में ढला होना। |
अर्थ - रूपवान होना। |
12- साँप को दूध पिलाना। |
अर्थ - बुरे के साथ नेकी करना। |
13- साँप छछूंदर की गति होना। |
अर्थ - असमंजस की दशा होना। |
14- साँप सूँघ जाना। |
अर्थ - गुपचुप हो जाना। |
15- सात घाट का पानी पीना। |
अर्थ - व्यापक अनुभव होना। |
16- घाट –घाट का पानी पीना। |
अर्थ - व्यापक अनुभव होना। |
17- सिंदूर चढ़ना। |
अर्थ - लड़की का विवाह होना। |
18- सिट्टी-पिट्टी गुम हो जाना। |
अर्थ - होश उड़ जाना। |
19- सिर उठाना। |
अर्थ - विरोध करना। |
20- सिर गंजा करना। |
अर्थ - बुरी तरह पीटना। |
21- सिर पर कफ़न बाँधना। |
अर्थ - बलिदान देने के लिए तैयार होना। |
22- सिर पर खून सवार होना। |
अर्थ - मरने -मारने पर उतारू होना। |
23- सिर पर पाँव रखकर भागना। |
अर्थ - तुरंत भाग जाना। |
24- सिर पर भूत सवार होना। |
अर्थ - धुन लग जाना। |
25- सिर पर सवार रहना। |
अर्थ - पीछे पड़ना। |
26- सिर मुंड़ाते ओले पड़ना। |
अर्थ - काम शुरू होते ही बाधा आना। |
27- सींग कटाकर बछड़ों में मिलना। |
अर्थ - बूढ़े होकर भी बच्चों जैसा काम करना। |
28- सुबह–शाम कटना। |
अर्थ - टालमटोल करना। |
29- सुई की नोंक के बराबर। |
अर्थ - ज़रा सा। |
30- सूख कर काँटा होना। |
अर्थ - बहुत दुर्बल होना। |
31- सूखी धान पर पानी पड़ना। |
अर्थ - दशा सुधरना। |
32- सूरज को दीपक दिखाना। |
अर्थ - प्रसिद्ध व्यक्ति का परिचय देना। |
33- सेमल का फूल होना। |
अर्थ - दिखावटी रूप से, धोखा होना। |
34- सोने की चिडिया हाथ से निकल जाना। |
अर्थ - लाभदायक वस्तु का खो जाना। |