रॉक गार्डन चंडीगढ़: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
No edit summary
m (श्रेणी:नया पन्ना सितंबर-2011 (को हटा दिया गया हैं।))
Line 17: Line 17:
[[Category:चण्डीगढ़]]
[[Category:चण्डीगढ़]]
[[Category:भारत_के_पर्यटन_स्थल]][[Category:पर्यटन_कोश]]
[[Category:भारत_के_पर्यटन_स्थल]][[Category:पर्यटन_कोश]]
[[Category:नया पन्ना सितंबर-2011]]
__INDEX__
__INDEX__
__NOTOC__
__NOTOC__

Revision as of 07:19, 17 September 2011

[[चित्र:Chandigarh-Rock-Garden.jpg|thumb|250px|रॉक गार्डन, चंडीगढ़
Rock Garden, Chandigarh]] चंडीगढ़ के सेक्टर एक में मौजूद रॉक गार्डन एक व्यक्ति के एकल प्रयास का अनुपम और उत्कृष्ट नमूना है, जो दुनिया भर में अपने अनूठे उपक्रम के लिए बहुत सराहा गया है। रॉक गार्डन के निर्माता नेकचंद एक कर्मचारी थे जो दिन भर साइकिल पर बेकार पड़ी ट्यूब लाइट्स, टूटी-फूटी चूडियों, प्लेट, चीनी के कप, फ्लश की सीट, बोतल के ढक्कन व किसी भी बेकार फेंकी गई वस्तुओं को बीनते रहते और उन्हें यहाँ सेक्टर एक में इकट्ठा करते रहते। धीरे-धीरे फुर्सत के क्षणों में लोगों द्वारा फेंकी गई फ़ालतू चीज़ों से ही उन्होंने ऐसी उत्कृष्ट आकृतियों का निर्माण किया कि देखने वाले दंग रह गए। नेकचंद के रॉक गार्डन की कीर्ति अब देश-विदेश के कलाप्रेमियों के दिलों में घर कर चुकी है।

सर्दियों में घूमने का आनंद

उल्लेखनीय है कि रॉक गार्डन अब तक केवल शाम पांच बजे तक ही खुलता है। ठंड के दिनों में अंधेरा जल्दी होने के कारण टिकटों की बिक्री पांच बजे से पहले ही रुक जाती है। गर्मियों के दिनों में भी बेशक यहाँ पर्यटक आते हैं, लेकिन गार्डन की दीवारों से निकलने वाली उमस और धूप के कारण उनका सारा मजा किरकिरा हो जाता है। यही वजह है कि अधिकांश पर्यटक यहाँ सर्दियों के दिनों में ही आना पसंद करते हैं।[1]

औद्योगिक और शहरी कचरे का प्रयोग

रॉक गार्डन को बनवाने में औद्योगिक और शहरी कचरे का इस्तेमाल किया गया है। पर्यटक यहाँ की मूर्तियों, मंदिरों, महलों आदि को देखकर अचरज में पड़ जातें हैं। हर साल इस गार्डन को देखने हजारों पर्यटक आते हैं। गार्डन में झरनों और जलकुंड के अलावा ओपन एयर थियेटर भी देखा जा सकता, जहाँ अनेक प्रकार की सांस्कृतिक गतिविधियाँ होती रहती हैं।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. अब रात को भी निहार सकेंगे रॉक गार्डन (हिन्दी) नवभारत टाइम्स। अभिगमन तिथि: 13 सितम्बर, 2011।

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख