कनकलता बरुआ: Difference between revisions

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*[[असम]] के [[दारांग ज़िला|दारांग ज़िले]] के गोहपुर कस्बे में 1942 ई. की भारत छोड़ो क्रांति के समय 15 वर्षीय किशोरी कनक लता बरुआ ने वहाँ के युवा वर्ग में विद्रोह की भावना भड़काने में प्रमुख भूमिका निभाई।  
*[[असम]] के [[दारांग ज़िला|दारांग ज़िले]] के गोहपुर कस्बे में 1942 ई. की भारत छोड़ो क्रांति के समय 15 वर्षीय किशोरी कनक लता बरुआ ने वहाँ के युवा वर्ग में विद्रोह की भावना भड़काने में प्रमुख भूमिका निभाई।  
*[[20 सितम्बर]] को [[कस्बा|कस्बे]] की विद्रोही की भीड़ का नेतृत्व करते हुए कनक लता हाथ में [[तिरंगा]] लिए सबसे आगे चल रहीं थीं।  
*[[20 सितम्बर]] को [[कस्बा|कस्बे]] की विद्रोही की भीड़ का नेतृत्व करते हुए कनक लता हाथ में [[तिरंगा]] लिए सबसे आगे चल रहीं थीं।  
*पुलिस की चेतावनी के बाद भी कनक लता ने आगे बढ़ना नहीं रोका तो उन्हें गोली मार दी गई और इस प्रकार सन 1942 में उस निर्भीक बालिका ने स्वतंत्रता की बलिवेदी पर अपने प्राणों का उत्सर्ग कर दिया।  
*पुलिस की चेतावनी के बाद भी कनक लता ने आगे बढ़ना नहीं रोका तो उन्हें गोली मार दी गई और इस प्रकार सन् 1942 में उस निर्भीक बालिका ने स्वतंत्रता की बलिवेदी पर अपने प्राणों का उत्सर्ग कर दिया।  





Revision as of 14:03, 6 March 2012

  • कनक लता बरुआ का जन्म 1928 ई. में हुआ था।
  • असम के दारांग ज़िले के गोहपुर कस्बे में 1942 ई. की भारत छोड़ो क्रांति के समय 15 वर्षीय किशोरी कनक लता बरुआ ने वहाँ के युवा वर्ग में विद्रोह की भावना भड़काने में प्रमुख भूमिका निभाई।
  • 20 सितम्बर को कस्बे की विद्रोही की भीड़ का नेतृत्व करते हुए कनक लता हाथ में तिरंगा लिए सबसे आगे चल रहीं थीं।
  • पुलिस की चेतावनी के बाद भी कनक लता ने आगे बढ़ना नहीं रोका तो उन्हें गोली मार दी गई और इस प्रकार सन् 1942 में उस निर्भीक बालिका ने स्वतंत्रता की बलिवेदी पर अपने प्राणों का उत्सर्ग कर दिया।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ


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