प्रवासी भारतीय: Difference between revisions
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[[अमेरिका]] में आतंकी हमले के बाद दस साल से वहाँ रह रहे भारतीय अमेरिकियों ने अपने आप को | [[अमेरिका]] में आतंकी हमले के बाद दस साल से वहाँ रह रहे भारतीय अमेरिकियों ने अपने आप को मज़बूती से खड़ा किया है। 9 / 11 की घटना के बाद एशियाई लोगों को संदेह की नजर से देखा जा रहा था, लेकिन भारतीय मूल के लोगों के बारे में अमेरिकियों की सोच बिल्कुल बदल गई है। इसका कारण भारतीयों की प्रतिभा और परिश्रम है। भारतीय मूल के लोगों के विश्व संगठन (जीओपीआइओ) के पूर्व चेयरमैन व संस्थापक अध्यक्ष थॉमस अब्राहम ने आइएनएस को बताया कि भारतीय अमेरिकी समुदाय राजनीतिक रूप से बहुत ही सक्रिय है। भारतीय मूल के अमेरिका में दो गर्वनर हैं। देश, राज्य व शहर स्तर पर दर्जन भर जनप्रतिनिधि हैं। इसके अलावा प्रशासन में अनेक लोग हैं। भारतीय अमेरिकी समुदाय के लिए यह बड़ी उपलब्धि है।<ref>आभार- दैनिक जागरण दिनांक- 11 सितंबर, 2011 पृष्ठ संख्या- 24</ref> | ||
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अपनी मेहनत से अमेरिकियों की सोच बदली भारतीयों ने
- रविवार, 11 सितंबर, 2011
अमेरिका में आतंकी हमले के बाद दस साल से वहाँ रह रहे भारतीय अमेरिकियों ने अपने आप को मज़बूती से खड़ा किया है। 9 / 11 की घटना के बाद एशियाई लोगों को संदेह की नजर से देखा जा रहा था, लेकिन भारतीय मूल के लोगों के बारे में अमेरिकियों की सोच बिल्कुल बदल गई है। इसका कारण भारतीयों की प्रतिभा और परिश्रम है। भारतीय मूल के लोगों के विश्व संगठन (जीओपीआइओ) के पूर्व चेयरमैन व संस्थापक अध्यक्ष थॉमस अब्राहम ने आइएनएस को बताया कि भारतीय अमेरिकी समुदाय राजनीतिक रूप से बहुत ही सक्रिय है। भारतीय मूल के अमेरिका में दो गर्वनर हैं। देश, राज्य व शहर स्तर पर दर्जन भर जनप्रतिनिधि हैं। इसके अलावा प्रशासन में अनेक लोग हैं। भारतीय अमेरिकी समुदाय के लिए यह बड़ी उपलब्धि है।[1]
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ आभार- दैनिक जागरण दिनांक- 11 सितंबर, 2011 पृष्ठ संख्या- 24
बाहरी कड़ियाँ
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