प्रज्ञप्तिवादी निकाय: Difference between revisions
Jump to navigation
Jump to search
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
No edit summary |
No edit summary |
||
Line 1: | Line 1: | ||
[[बौद्ध धर्म]] में प्रज्ञप्तिवादी निकाय | [[बौद्ध धर्म]] में प्रज्ञप्तिवादी निकाय [[अठारह बौद्ध निकाय|अठारह निकायों]] में से एक है:-<br /> | ||
कुछ वादी ऐसे होते हैं, जो परस्पर आश्रित सभी धर्मों को प्रज्ञप्त (कल्पित) मानकर उनके प्रति सत्यत: अभिनिवेश करते हैं, वे ही प्रज्ञप्तिवादी है। महावंशटीका के अनुसार 'रूप भी निर्वाण की भाँति परमार्थत: है' – ऐसा मानने वाले प्रज्ञप्तिवादी कहलाते हैं। | कुछ वादी ऐसे होते हैं, जो परस्पर आश्रित सभी धर्मों को प्रज्ञप्त (कल्पित) मानकर उनके प्रति सत्यत: अभिनिवेश करते हैं, वे ही प्रज्ञप्तिवादी है। महावंशटीका के अनुसार 'रूप भी निर्वाण की भाँति परमार्थत: है' – ऐसा मानने वाले प्रज्ञप्तिवादी कहलाते हैं। | ||
[[Category:दर्शन कोश]] [[Category:बौद्ध दर्शन]] [[Category:बौद्ध धर्म]] [[Category:दर्शन]] [[Category:बौद्ध धर्म कोश]]__INDEX__ | [[Category:दर्शन कोश]] [[Category:बौद्ध दर्शन]] [[Category:बौद्ध धर्म]] [[Category:दर्शन]] [[Category:बौद्ध धर्म कोश]]__INDEX__ |
Revision as of 09:10, 28 May 2010
बौद्ध धर्म में प्रज्ञप्तिवादी निकाय अठारह निकायों में से एक है:-
कुछ वादी ऐसे होते हैं, जो परस्पर आश्रित सभी धर्मों को प्रज्ञप्त (कल्पित) मानकर उनके प्रति सत्यत: अभिनिवेश करते हैं, वे ही प्रज्ञप्तिवादी है। महावंशटीका के अनुसार 'रूप भी निर्वाण की भाँति परमार्थत: है' – ऐसा मानने वाले प्रज्ञप्तिवादी कहलाते हैं।