चित्रा मुद्गल: Difference between revisions
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'''चित्रा मुद्गल''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Chitra Mudgal'') आधुनिक हिंदी कथा-साहित्य की बहुचर्चित और सम्मानित लेखिका हैं। चित्रा मुद्गल का जन्म [[10 सितम्बर]] [[1944]] में [[चेन्नई]] ([[तमिलनाडु]]) में हुआ था। प्रारंभिक शिक्षा पैतृक गांव [[उत्तर प्रदेश]] के [[उन्नाव ज़िला|उन्नाव ज़िले]] में स्थित निहाली खेड़ा और उच्च शिक्षा [[मुंबई विश्वविद्यालय]] में हुई। बकौल चित्रा मुद्गल, 'विद्रोह, संघर्ष और कायरता, मनुष्य को ये सभी चीजें घर से वातावरण से ही मिलती हैं। मुझे भी घर के माहौल ने विद्रोही बनाया।' संयोग देखिए कि इसी विद्रोह ने चित्रा मुद्गल को रचना संसार की राह भी दिखाई। पहली कहानी स्त्री-पुरुष संबंधों पर थी जो [[1955]] में प्रकाशित हुई। | '''चित्रा मुद्गल''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Chitra Mudgal'') आधुनिक हिंदी कथा-साहित्य की बहुचर्चित और सम्मानित लेखिका हैं। चित्रा मुद्गल का जन्म [[10 सितम्बर]] [[1944]] में [[चेन्नई]] ([[तमिलनाडु]]) में हुआ था। प्रारंभिक शिक्षा पैतृक गांव [[उत्तर प्रदेश]] के [[उन्नाव ज़िला|उन्नाव ज़िले]] में स्थित निहाली खेड़ा और उच्च शिक्षा [[मुंबई विश्वविद्यालय]] में हुई। बकौल चित्रा मुद्गल, 'विद्रोह, संघर्ष और कायरता, मनुष्य को ये सभी चीजें घर से वातावरण से ही मिलती हैं। मुझे भी घर के माहौल ने विद्रोही बनाया।' संयोग देखिए कि इसी विद्रोह ने चित्रा मुद्गल को रचना संसार की राह भी दिखाई। पहली कहानी स्त्री-पुरुष संबंधों पर थी जो [[1955]] में प्रकाशित हुई। | ||
==प्रमुख कृतियाँ== | ==प्रमुख कृतियाँ== |
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thumb|चित्रा मुद्गल चित्रा मुद्गल (अंग्रेज़ी: Chitra Mudgal) आधुनिक हिंदी कथा-साहित्य की बहुचर्चित और सम्मानित लेखिका हैं। चित्रा मुद्गल का जन्म 10 सितम्बर 1944 में चेन्नई (तमिलनाडु) में हुआ था। प्रारंभिक शिक्षा पैतृक गांव उत्तर प्रदेश के उन्नाव ज़िले में स्थित निहाली खेड़ा और उच्च शिक्षा मुंबई विश्वविद्यालय में हुई। बकौल चित्रा मुद्गल, 'विद्रोह, संघर्ष और कायरता, मनुष्य को ये सभी चीजें घर से वातावरण से ही मिलती हैं। मुझे भी घर के माहौल ने विद्रोही बनाया।' संयोग देखिए कि इसी विद्रोह ने चित्रा मुद्गल को रचना संसार की राह भी दिखाई। पहली कहानी स्त्री-पुरुष संबंधों पर थी जो 1955 में प्रकाशित हुई।
प्रमुख कृतियाँ
चित्रा मुद्गल के अब तक तेरह कहानी संग्रह, तीन उपन्यास, तीन बाल उपन्यास, चार बाल कथा संग्रह, पांच संपादित पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। उपन्यास ‘आवां’ आठ भाषाओं में अनूदित तथा देश के 6 प्रतिष्ठित सम्मानों से अलंकृत है।
- उपन्यास
- गिलिगडु
- एक ज़मीन अपनी
- क्रूसेड
- बाल उपन्यास
- जीवक
- मनिमेखल्ये
- माधवीकन्नगी
सम्मान और पुरस्कार
2003 में तेरहवां व्यास सम्मान पाने वाली देश की प्रथम लेखिका हैं। उन्हें ये सम्मान उपन्यास 'आवां' के लिए दिया गया।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
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