मसाज -विजय तेंदुलकर: Difference between revisions
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Latest revision as of 08:00, 1 August 2013
मसाज -विजय तेंदुलकर
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लेखक | विजय तेंदुलकर |
मूल शीर्षक | मसाज |
अनुवादक | सुषमा बख्शी |
प्रकाशक | वाणी प्रकाशन |
ISBN | 978-93-5000-016-8Price : `150(HB) |
देश | भारत |
पृष्ठ: | 96 |
भाषा | हिन्दी |
विधा | नाटक |
मसाज विजय तेंदुलकर द्वारा मूल रूप से मराठी में रचित नाटक है। इसका हिन्दी अनुवाद सुषमा बख्शी ने किया और प्रकाशन 'वाणी प्रकाशन' द्वारा किया गया था। समाज में नैतिक मूल्यों का किस तरह हनन हो रहा है और इसके शिकंजे में कसा एक आम आदमी किस तरह संघर्ष कर अपने सपनों को पूरा करने की कोशिश कर रहा है। इन सभी बातों को 'मसाज' नाटक में दर्शाया गया है।
पुस्तक के सन्दर्भ में
विजय तेंदुलकर द्वारा रचित ‘मसाज’ एकल अभिनय के लिए अद्भुत सम्भावनाएँ प्रस्तुत करता है। इससे पहले भी तेंदुलकर के नाटकों में लम्बे-लम्बे एकालाप मिलते हैं, जो किसी भी चरित्र का दर्शकों से सीधा संवाद स्थापित करते हैं। उदाहरण के लिए सखाराम बाइंडर नाटक में शुरू में ही सखाराम की लम्बी आत्म स्वीकृति, ‘खामोश अदालत जारी है’ के अन्त में बेरणारे के अन्तर्मन से निकली हुई गूँज-सा एक लम्बा संवाद और ‘पंछी ऐसे आते हैं’ में अरुण सरनाईक की शुरुआती भूमिका-मसाज से पहले के कम-से-कम ये तीन एकालाप नाटककार की उस विलक्षण प्रतिभा की पृष्ठभूमि तैयार कर देते हैं, जिसका जीता-जागता प्रमाण है, अपने अन्तिम दिनों में रचा गया मसाज। मधु जोशी नाम के चरित्र की आत्मकथा के माध्यम से मानो मुम्बई जैसे महानगर की उस मायावी दुनिया की ऐसी सच्ची किन्तु वीभत्स तस्वीर सजीव हो उठती है, जिसमें हम जैसे सभ्य-शालीन लोगों का शायद ही कभी साबका पड़ता हो। यह तस्वीर हमें उस दुनिया की बाहरी-भीतरी परतों को उघाड़कर रखने के साथ-साथ हमारी अपनी ऊपर से ओढ़ी हुई सभ्यता, नैतिकता और बौद्धिकता की भी धज्जियाँ उड़ाकर रख देती है।
लेखक
वर्तमान भारतीय रंग-परिदृश्य में एक महत्त्वपूर्ण नाटककार के रूप में विजय तेंदुलकर मूलतः मराठी के साहित्यकार हैं, जिनका जन्म 7 जनवरी, 1928 को हुआ। उन्होंने लगभग तीस नाटकों तथा दो दर्जन एकांकियों की रचना की है, जिनमें से अनेक आधुनिक भारतीय रंगमच की क्लासिक कृतियों के रूप में शुमार किये जाते हैं।{{#icon: Redirect-01.gif|ध्यान दें}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-विजय तेंदुलकर
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
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