मुम्बई हमला 2008: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
No edit summary
No edit summary
Line 12: Line 12:
==अजमल कसाब को फाँसी==
==अजमल कसाब को फाँसी==
26/11 हमले के दोषी अजमल आमिर कसाब को [[21 नवंबर]], [[2012]] [[बुधवार]] की सुबह 7 बजकर 36 मिनट पर फांसी दे दी गई। राष्ट्रपति [[प्रणब मुखर्जी]] ने 5 नवंबर [[2012]] को कसाब की दया याचिका खारिज कर दी थी जिसके बाद कोर्ट ने कसाब की फांसी की तारीख और समय 21 नवंबर को 7 बजकर 36 मिनट तय किया था। कसाब को गुप्‍त तरीके से [[सोमवार]] को यरवडा जेल लाया गया।
26/11 हमले के दोषी अजमल आमिर कसाब को [[21 नवंबर]], [[2012]] [[बुधवार]] की सुबह 7 बजकर 36 मिनट पर फांसी दे दी गई। राष्ट्रपति [[प्रणब मुखर्जी]] ने 5 नवंबर [[2012]] को कसाब की दया याचिका खारिज कर दी थी जिसके बाद कोर्ट ने कसाब की फांसी की तारीख और समय 21 नवंबर को 7 बजकर 36 मिनट तय किया था। कसाब को गुप्‍त तरीके से [[सोमवार]] को यरवडा जेल लाया गया।
दरअसल फांसी देने का काम यरवदा जेल में किया जाता है और कसाब की माफी खारिज किए जाने के बाद येरवडा जेल में शिफ्ट किया गया था। [[2009]] से कसाब मुंबई के आर्थर जेल रोड में बंद था। सरकार ने इस मामले में पूरी गोपनीयता बरती और आर्थर रोड जेल से निकाल कर येरवडा जेल ले जाया गया और तय समय के मुताबिक उसे सुबह 7.36 बजे फांसी दे दी गई। यरवडा जेल अधिकारियों के मुताबिक फांसी से पहले कसाब तनाव में था। फांसी की बात बताने के बाद से उसने किसी से बात तक नहीं की थी। यही नहीं उससे अंतिम इच्‍छा भी पूछी गई लेकिन उसने अपनी कोई अंतिम इच्‍छा जाहिर नहीं की। फाँसी के बाद 8 बजकर 40 मिनट में उसे यरवडा जेल में ही दफना दिया गया। [[पाकिस्‍तान]] ने भारत से कसाब के शव की भी मांग नहीं की जिसके बाद उसे भारत में ही दफनाने का फैसला लिया गया।<ref>{{cite web |url=http://aajtak.intoday.in/story/ajmal-kasab-hanged-at-7.30-am-1-713737.html |title=आतंकी अजमल कसाब को फांसी दी गई|accessmonthday=13 दिसम्बर |accessyear=2014 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=आजतक |language=हिन्दी }}</ref>
दरअसल फांसी देने का काम यरवदा जेल में किया जाता है और कसाब की माफी खारिज किए जाने के बाद येरवडा जेल में शिफ्ट किया गया था। [[2009]] से कसाब मुंबई के आर्थर जेल रोड में बंद था। सरकार ने इस मामले में पूरी गोपनीयता बरती और आर्थर रोड जेल से निकाल कर येरवडा जेल ले जाया गया और तय समय के मुताबिक उसे सुबह 7.36 बजे फांसी दे दी गई। यरवडा जेल अधिकारियों के मुताबिक फांसी से पहले कसाब तनाव में था। फांसी की बात बताने के बाद से उसने किसी से बात तक नहीं की थी। यही नहीं उससे अंतिम इच्‍छा भी पूछी गई लेकिन उसने अपनी कोई अंतिम इच्‍छा जाहिर नहीं की। फाँसी के बाद 8 बजकर 40 मिनट में उसे यरवडा जेल में ही दफना दिया गया। [[पाकिस्तान]] ने भारत से कसाब के शव की भी मांग नहीं की जिसके बाद उसे भारत में ही दफनाने का फैसला लिया गया।<ref>{{cite web |url=http://aajtak.intoday.in/story/ajmal-kasab-hanged-at-7.30-am-1-713737.html |title=आतंकी अजमल कसाब को फांसी दी गई|accessmonthday=13 दिसम्बर |accessyear=2014 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=आजतक |language=हिन्दी }}</ref>




Line 21: Line 21:
*[http://prasunbajpai.itzmyblog.com/2010/05/2611.html कौन मिटाएगा 26/11 का तिलक?]
*[http://prasunbajpai.itzmyblog.com/2010/05/2611.html कौन मिटाएगा 26/11 का तिलक?]
*[http://hindi.oneindia.com/news/india/david-headley-the-mystery-man-26-11-mumbai-terror-attack-for-indian-agency-328784.html 26/11 का मिस्‍ट्री मैन करता रहा मुंबई का सर्वे और किसी को नहीं हुई खबर ]
*[http://hindi.oneindia.com/news/india/david-headley-the-mystery-man-26-11-mumbai-terror-attack-for-indian-agency-328784.html 26/11 का मिस्‍ट्री मैन करता रहा मुंबई का सर्वे और किसी को नहीं हुई खबर ]
*[http://www.dw.de/26-11-%E0%A4%96%E0%A4%BC%E0%A5%8C%E0%A4%AB%E0%A4%BC-%E0%A4%94%E0%A4%B0-%E0%A4%96%E0%A4%BC%E0%A5%82%E0%A4%A8-%E0%A4%95%E0%A5%87-%E0%A4%B5%E0%A5%87-60-%E0%A4%98%E0%A4%82%E0%A4%9F%E0%A5%87/a-4919529 26/11: ख़ौफ़ और ख़ून के वे 60 घंटे]


==संबंधित लेख==
==संबंधित लेख==

Revision as of 13:00, 13 December 2014

thumb|300px|मुम्बई हमला 2008 महाराष्ट्र की राजधानी मुम्बई में 26 नवम्बर 2008 बुधवार को किए गए हमले उन दहशत भरे 60 घंटों की दास्तान हैं जब हथियारों से पूरी तरह से लैस 10 आतंकियों ने शहर में चारों तरफ मौत का तांडव मचाया था। ये हमले तीन दिन और चार रात शनिवार 29 नवंबर तक चले। इस भयावह मंजर में 164 मासूम लोगों ने जान गंवाई थी और क़रीब 308 लोग बुरी तरह से घायल हुए थे। हमले में पकड़े गए इकलौते आतंकी अजमल कसाब को भारत सरकार ने फांसी की सजा दी थी।

स्मरणीय बिंदु

  • आतंकवादियों ने पूरे विश्व का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करने के लिए हमले को बहुत ही सुनियोजित तरीके से अंजाम दिया था। हमले के दौरान उन्होंने खास तौर पर इसमें यूरोपीय और अमरीकी समुदाय के लोगों को‍ ही अपना निशाना बनाया। लेकिन न तो राज्य न ही केन्द्र सरकार को ही इस हमले की पहले से कोई भनक पड़ी थी।
  • मौत कर तांडव रचाने वाले आतंकवादियों ने भारत के मुंबई की एटीएस (एंटी टेरेरिस्ट स्क्वॉड) के 3 नामचीन आला अधिकारी और पुलिस के 14 जवानों समेत 110 से ज्यादा लोगों को हमेशा-हमेशा के लिए दुनिया से विदा कर दिया।
  • हमले में शामिल 10 आतंकियों में से केवल एक अजमल कसाब ही जिंदा पकड़ा गया था। अजमल कसाब ने पकड़े जाने के बाद हुई गहन पूछताछ में यह कबूल किया था कि इन हमलों को पाकिस्तान की आईएसआई की शह पर ही अंजाम दिया गया था।
  • यह आईएसआई ही है जिसकी शह पर हमले के कुछ वायरस अब भी पाकिस्तान में पाले-पोसे जा रहे हैं। जमात-उद-दावा के प्रमुख हाफिज सईद पर अमरीका ने 10 मिलियन डॉलर का इनाम जारी कर रखा है।
  • हमले के बाद पाकिस्तान को दिए गए सारे सबूतों के बाद भी उसने केवल खानापूर्ती ही दिखाई है और कोई भी नतीजा नहीं निकाला। यहां तक कि उसने तो दिए गए सबूतों को केवल सूचना ही करार दिया है।
  • हमले में शामिल 10 आतंकी नावों से समुद्री रास्ते भारत में घुसे थे और फिर एक के बाद एक ताज होटल, शिवाजी टर्मिनल, नारीमन हाऊस, ट्राइडेंट होटल जैसे मुख्य स्थानों पर जाकर मोर्चाबंदी कर ली।
  • बॉलीवुड मेगास्टार अमिताभ बच्चन इतने परेशान थे कि अपने तकिए के नीचे अपना लाइसेंसी रिवाल्वर रख कर सोए थे। हालांकि वे पूरी रात चैन की नींद नहीं ले पाए थे।
  • इस हमले में मुंबई पुलिस के 3 अधिकारी और 14 पुलिसवाले शहीद हुए थे, जिनमें एटीएस प्रमुख हेमंत करकरे, आईपीएस अधिकारी अशोक मारूति राव काम्टे, एनकाउंटर विशेषज्ञ विजय सालस्कर, कांस्टेबल अरूण चिट्टे का नाम प्रमुख तौर पर लिया जाता रहा है।[1]

अजमल कसाब को फाँसी

26/11 हमले के दोषी अजमल आमिर कसाब को 21 नवंबर, 2012 बुधवार की सुबह 7 बजकर 36 मिनट पर फांसी दे दी गई। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने 5 नवंबर 2012 को कसाब की दया याचिका खारिज कर दी थी जिसके बाद कोर्ट ने कसाब की फांसी की तारीख और समय 21 नवंबर को 7 बजकर 36 मिनट तय किया था। कसाब को गुप्‍त तरीके से सोमवार को यरवडा जेल लाया गया। दरअसल फांसी देने का काम यरवदा जेल में किया जाता है और कसाब की माफी खारिज किए जाने के बाद येरवडा जेल में शिफ्ट किया गया था। 2009 से कसाब मुंबई के आर्थर जेल रोड में बंद था। सरकार ने इस मामले में पूरी गोपनीयता बरती और आर्थर रोड जेल से निकाल कर येरवडा जेल ले जाया गया और तय समय के मुताबिक उसे सुबह 7.36 बजे फांसी दे दी गई। यरवडा जेल अधिकारियों के मुताबिक फांसी से पहले कसाब तनाव में था। फांसी की बात बताने के बाद से उसने किसी से बात तक नहीं की थी। यही नहीं उससे अंतिम इच्‍छा भी पूछी गई लेकिन उसने अपनी कोई अंतिम इच्‍छा जाहिर नहीं की। फाँसी के बाद 8 बजकर 40 मिनट में उसे यरवडा जेल में ही दफना दिया गया। पाकिस्तान ने भारत से कसाब के शव की भी मांग नहीं की जिसके बाद उसे भारत में ही दफनाने का फैसला लिया गया।[2]


टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. 26/11 मुंबई हमले की पूरी कहानी (हिन्दी) अजेय भारत। अभिगमन तिथि: 13 दिसम्बर, 2014।
  2. आतंकी अजमल कसाब को फांसी दी गई (हिन्दी) आजतक। अभिगमन तिथि: 13 दिसम्बर, 2014।

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख