भिवानी: Difference between revisions

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भिवानी शहर, दक्षिण-पश्चिमी [[हरियाणा राज्य]], पश्चिमोत्तर [[भारत]] में स्थित है। यह शहर पश्चिम यमुना के नहर की शाखा के तट पर बसा हुआ है। भिवानी हरियाणा में स्थित बहुत ख़ूबसूरत स्‍थान है।       
भिवानी शहर, दक्षिण-पश्चिमी [[हरियाणा]] राज्य, पश्चिमोत्तर [[भारत]] में स्थित है। यह शहर पश्चिम यमुना के नहर की शाखा के तट पर बसा हुआ है। भिवानी हरियाणा में स्थित बहुत ख़ूबसूरत स्‍थान है।       
==इतिहास==
==इतिहास==
भिवानी को प्राचीन नाम ऐन-ए-अकबरी था। भिवानी की खोज़ नीम नामक राजपूत ने की थी। उन्होंने भिवानी का नाम बदलकर भानी कर दिया। बाद में यह भानी से बदलकर भिवानी हो गया। वर्तमान में भिवानी की स्थापना [[22 जुलाई]] [[1972]] ई. को की गई थी। इसके उत्तर में [[हिसार]], पश्चिम में [[राजस्थान]] के [[झुझंनू]] और [[चूरू]], दक्षिण में [[महेन्द्रगढ़]] और पूर्व में [[रोहतक]] स्थित हैं। 1817 ई॰ में अंग्रेज़ों के द्वारा मुक्त व्यापार केंद्र के रूप में चुने जाने वाले इस शहर की नगरपालिका पहली बार 1867 में गठित हुई।
भिवानी को प्राचीन नाम ऐन-ए-अकबरी था। भिवानी की खोज़ नीम नामक राजपूत ने की थी। उन्होंने भिवानी का नाम बदलकर भानी कर दिया। बाद में यह भानी से बदलकर भिवानी हो गया। वर्तमान में भिवानी की स्थापना [[22 जुलाई]] [[1972]] ई. को की गई थी। इसके उत्तर में [[हिसार]], पश्चिम में [[राजस्थान]] के [[झुझंनू]] और [[चूरू]], दक्षिण में [[महेन्द्रगढ़]] और पूर्व में [[रोहतक]] स्थित हैं। 1817 ई॰ में अंग्रेज़ों के द्वारा मुक्त व्यापार केंद्र के रूप में चुने जाने वाले इस शहर की नगरपालिका पहली बार 1867 में गठित हुई।

Revision as of 12:18, 17 August 2010

भिवानी शहर, दक्षिण-पश्चिमी हरियाणा राज्य, पश्चिमोत्तर भारत में स्थित है। यह शहर पश्चिम यमुना के नहर की शाखा के तट पर बसा हुआ है। भिवानी हरियाणा में स्थित बहुत ख़ूबसूरत स्‍थान है।

इतिहास

भिवानी को प्राचीन नाम ऐन-ए-अकबरी था। भिवानी की खोज़ नीम नामक राजपूत ने की थी। उन्होंने भिवानी का नाम बदलकर भानी कर दिया। बाद में यह भानी से बदलकर भिवानी हो गया। वर्तमान में भिवानी की स्थापना 22 जुलाई 1972 ई. को की गई थी। इसके उत्तर में हिसार, पश्चिम में राजस्थान के झुझंनू और चूरू, दक्षिण में महेन्द्रगढ़ और पूर्व में रोहतक स्थित हैं। 1817 ई॰ में अंग्रेज़ों के द्वारा मुक्त व्यापार केंद्र के रूप में चुने जाने वाले इस शहर की नगरपालिका पहली बार 1867 में गठित हुई।

वीरों की धरती

भिवानी के निवासी अपनी वीरता के लिए जाने जाते हैं। इसीलिए भिवानी को वीरों की धरती के नाम से भी जाना जाता है। देश को भिवानी ने राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के अनेक खिलाड़ी भी दिए हैं। भिवानी को विशेष तौर पर बॉक्सिंग का पावर हाऊस माना जाता है। भारतीय सेना में यहाँ के निवासी प्रमुख रूप से भर्ती होते हैं। इन सैनिकों ने अपने वीरतापूर्ण कार्यो से भिवानी को विशिष्ट पहचान दिलाई है। इसलिए भिवानी को वीरों का शहर भी कहा जाता है।

उद्योग और व्यापार

यह एक प्रमुख व्यापारिक केंद्र भी है, जिसका अधिकांश व्यापार राजस्थान राज्य के साथ होता है। कपास की ओटाई एवं धुनाई, तेल की मिलें एवं निर्माण की लघु इकाईयां यहाँ के प्रमुख उद्योग हैं।

यातायात और परिवहन

यह सड़क और रेलमार्गों द्वारा जुड़ा हुआ है। यह दिल्ली से 124 किलोमीटर और चण्डीगढ़ से 285 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।

शिक्षण संस्थान

भिवानी का वस्त्रकला तकनीकी संस्थान पश्चिमोत्तर भारत में अपनी तरह का एकमात्र संस्थान है। यहाँ के विभिन्न महाविद्यालय रोहतक के महर्षि दयानंद विद्यालय के अंर्तगत आते हैं।

जनसंख्या

2001 की जनगणना के अनुसार इस शहर की जनसंख्या 1,69,424 है, इस ज़िले की कुल जनसंख्या 14,24,554 है।


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