महाकाच्यायन: Difference between revisions

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==महाकश्यप / महाकाच्चयन / Mahakashyap / Mahakachyayn==
'''महाकश्यप / महाकाच्चयन / Mahakashyap / Mahakachyayn'''<br />
महाकश्यप [[बुद्ध]] के प्रमुख छात्रों में से एक थे । भगवान बुद्ध की मृत्यु के बाद [[बौद्ध]] संघ की पहली सभा के लिए सभापति के रूप में महाकश्यप को चुना गया । उन्हे बौद्ध धर्म के जेन (Zen) शाखा का पहला प्रधान भी माना जाता है । वे बुद्ध के एकमात्र ऐसे छात्र थे जिनके साथ भगवान बुद्ध ने वस्त्रों का आदान-प्रदान किया था । बुद्ध ने बहुत बार महाकश्यप कि बड़ाई भी की थी और महाकश्यप को अपने बराबर का दर्जा दिया था । महाकश्यप कपिल नाम के ब्राह्मण और उन्की पत्नी सुमनदेवी के पुत्र के रूप में मगध में पैदा हुए । वे काफी धन दौलत सुख सुविधाओं के बीच बड़े हुए । उनके न चाहते हुए भी उनका विवाह कर दिया गया । अपने माता पिता कि मृत्यु के बाद कुछ समय तक उन्होंने अपनी पत्नी के साथ अपने माता पिता के धन दौलत को सम्भाला, लेकिन कुछ समय बाद उन दोनों ने सन्यासी बनने का फैसला कर लिया । वे दोनों बुद्ध के अनुयायी बन गये ।
 
 


महाकश्यप [[बुद्ध]] के प्रमुख छात्रों में से एक थे। भगवान बुद्ध की मृत्यु के बाद [[बौद्ध]] संघ की पहली सभा के लिए सभापति के रूप में महाकश्यप को चुना गया । उन्हें बौद्ध धर्म के ज़ेन (Zen) शाखा का पहला प्रधान भी माना जाता है। वे बुद्ध के एकमात्र ऐसे छात्र थे जिनके साथ भगवान बुद्ध ने वस्त्रों का आदान-प्रदान किया था। बुद्ध ने बहुत बार महाकश्यप की बड़ाई भी की थी और महाकश्यप को अपने बराबर का दर्जा दिया था। महाकश्यप कपिल नाम के ब्राह्मण और उनकी पत्नी सुमनदेवी के पुत्र के रूप में [[मगध]] में पैदा हुए। वे काफी धन दौलत सुख सुविधाओं के बीच बड़े हुए । उनके न चाहते हुए भी उनका विवाह कर दिया गया। अपने माता पिता कि मृत्यु के बाद कुछ समय तक उन्होंने अपनी पत्नी के साथ अपने माता पिता के धन दौलत को सम्भाला, लेकिन कुछ समय बाद उन दोनों ने सन्यासी बनने का फ़ैसला कर लिया। वे दोनों बुद्ध के अनुयायी बन गये।


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Revision as of 12:42, 17 April 2010

महाकश्यप / महाकाच्चयन / Mahakashyap / Mahakachyayn

महाकश्यप बुद्ध के प्रमुख छात्रों में से एक थे। भगवान बुद्ध की मृत्यु के बाद बौद्ध संघ की पहली सभा के लिए सभापति के रूप में महाकश्यप को चुना गया । उन्हें बौद्ध धर्म के ज़ेन (Zen) शाखा का पहला प्रधान भी माना जाता है। वे बुद्ध के एकमात्र ऐसे छात्र थे जिनके साथ भगवान बुद्ध ने वस्त्रों का आदान-प्रदान किया था। बुद्ध ने बहुत बार महाकश्यप की बड़ाई भी की थी और महाकश्यप को अपने बराबर का दर्जा दिया था। महाकश्यप कपिल नाम के ब्राह्मण और उनकी पत्नी सुमनदेवी के पुत्र के रूप में मगध में पैदा हुए। वे काफी धन दौलत सुख सुविधाओं के बीच बड़े हुए । उनके न चाहते हुए भी उनका विवाह कर दिया गया। अपने माता पिता कि मृत्यु के बाद कुछ समय तक उन्होंने अपनी पत्नी के साथ अपने माता पिता के धन दौलत को सम्भाला, लेकिन कुछ समय बाद उन दोनों ने सन्यासी बनने का फ़ैसला कर लिया। वे दोनों बुद्ध के अनुयायी बन गये।